अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने नाराजगी जाहिर कर कहा- तीन अखाड़ों ने अपने 112 संतों को नोटिस दिया
उज्जैन, अग्निपथ। स्वयं भगवान बताकर अपनी पूजा करवाने वाले लोग संत नहीं हो सकते। ऐसे लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
यह बात अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कही है।
निजी कार्यक्रम और सिंहस्थ की व्यवस्था देखने मंगलवार को उज्जैन आये रविंद्र पुरी महाराज ने यहां मीडिया से कहा, आजकल ऐसा ट्रेंड चला है कि हर कोई अपने आप को उपासक-पुजारी नहीं, भगवान कह रहा है। खुद को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और राम कह रहे हैं, ऐसे संतों पर कार्रवाई होना अति आवश्यक है। प्रयागराज के कुंभ में ऐसे व्यक्तियों को भूमि नहीं दी जाएगी। तीन अखाड़ों ने अपने 112 संतों को नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा मंच से अल्लाह हू अकबर कहना, नमाज पढऩा उचित नहीं है। मंच पर पति-पत्नी बैठकर शादी करें, ये चीजें अच्छी नहीं हैं। ऐसे संतों को चिह्नित किया जाएगा, जो सनातन के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों को नोटिस जारी किये है।
रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि फिलहाल दो महीने पहले सिर्फ उज्जैन में महिला महामंडलेश्वर को निष्कासित किया गया है, अन्य किसी को नहीं। 112 संतों को नोटिस देने के संबंध में उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ों की अपनी व्यवस्था है। अखाड़े से संबंधित किसी संत को गलती करने पर उनके अखाड़े ने नोटिस जारी किया होगा और वही कार्रवाई भी करेंगे।
इन संतों को मिला है नोटिस
रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े ने 54 संत, श्री निरंजनी अखाड़े ने 24 संतों और निर्मोही अनी अखाड़े ने 34 संतों को नोटिस थमाया है। संतों ने 30 सितंबर तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो महाकुंभ-2025 में प्रवेश नहीं मिलेगा। अखाड़े सनातन धर्मावलंबियों की आस्था व समर्पण का केंद्र हैं। मौजूदा समय 13 अखाड़े हैं। उन्हें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के माध्यम से संगठित किया गया है।
अखाड़े से जुड़े संतों में कोई दोष न आए इसके लिए दो-तीन वर्ष के अंतराल से सभी अखाड़े अपने महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत, श्रीमहंतों की कार्यप्रणाली की गोपनीय जांच करवाते हैं। जांच अखाड़े के पदाधिकारी करते हैं। इसमें उनका रहन-सहन, कार्यप्रणाली, किस प्रकार के लोगों से संबंध हैं? देखा जाता है। अपेक्षा के अनुरूप कार्यप्रणाली न मिलने पर नोटिस देकर जवाब मांगा जाता है, जिनमें ज्यादा दोष मिलता है उन्हें तत्काल अखाड़े से निष्कासित कर दिया जाता है।