उज्जैन, अग्निपथ। सर्व पितृ अमावस्या पर बुधवार को उज्जैन में केडी पैलेस, शिप्रा नदी का रामघाट और सिद्धवट सहित गया कोठा तीर्थ पर श्रद्धालु तर्पण श्राद्ध कर्म करने पहुंचे इस दौरान सबसे ज्यादा भीड़ केडी पैलेस पर रही जहां बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए भक्त शिप्रा नदी में डुबकी लगाते हुए दिखाई दिए। इस दौरान कई लोग अजीब अजीब हरकत करते रहे किसी ने अपनी जीभ तलवार से काट दी।
केडी पैलेस पर शिप्रा नदी पर बने 52 कुंड में बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए लोग डुबकी लगाने पहुंचे। उज्जैन से करीब 7 किमी दूर केडी पैलेस 52 कुंड पर डुबकी लगाकर बुरी आत्मा से मुक्ति पा रहे थे। पंडित सूर्यनारायण शर्मा ने बताया कि सर्व पितृ अमावस्या पर जिन लोगो ने पुरे श्राद्ध पक्ष में पूजन पाठ नहीं किया हो वो जातक अमावस्या के दिन एक साथ परिवार के मृतक परिजनों की आत्मा की शान्ति के लिए एक साथ सभी पितृ का तर्पण करते है। सिद्धवट घाट और गया कोठा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही, वही शिप्रा नदी के रामघाट पर पुण्य सलिला ने डुबकी लगाने वाले अल सुबह से घाट पर पहुंचने लगे थे।
52 कुंड पर भूतों का मेला, घाटों पर रातभर झूमते रहे
सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को मालवा में भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से कष्ट और भूत-प्रेत की बाधा दूर होती है। पितरों के निमित्त तर्पण करने से भी सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमावस्या पर केडी पैलेस पर भूतों का मेला लगता है।
शिप्रा नदी पर बने 52 कुंड में बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए लोग डुबकी लगाने पहुंचे। शरीर में लगी बुरी आत्माओं को भगाने के लिए सूरज कुंड में डुबकी लगाई जाती है। मान्यता है ऐसा करने से सभी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। सूर्य कुंड और सूर्य मंदिर यहां स्थापित है।
नीलगंगा में तर्पण, शाम को दीप जलाकर पितरों को बिदाई दी
सर्व पितृ अमावस्या पर प्राचीन नीलगंगा सरोवर के जूना अखाड़ा घाट पर सैकड़ो लोगों ने नि:शुल्क सामूहिक तर्पण किया गया। तेरा तुझको अर्पण के संयोजन में सुबह 7 बजे से ही लोग यहां जुट गए और 12 बजे तक लोगों ने पितृ शांति के लिए विधि विधान से तर्पण किया।
संस्था के मुकेश खंडेलवाल व दिलीप शर्मा के अनुसार पंडित नलिन शर्मा के आचार्यत्व में सभी लोगों को तर्पण कराए गए। जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमंत रामेश्वर गिरी महाराज, थानापति देवगिरी महाराज, डॉ. राहुल कटारिया, हरीश शर्मा सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित रहे। संस्था द्वारा बीते 4 वर्षों से स्कंद पुराण में उल्लेखित पौराणिक नीलगंगा सरोवर पर नि: शुल्क तर्पण कार्य करवाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत श्राद्ध पक्ष एवं प्रत्येक मास की अमावस्या पर सैकड़ो लोग अपने पितरों की शांति के लिए यहां एकत्रित होते है।
इसके अलावा शहर में तमाम सरोवरों पर शाम को दीप जलाकर पितरों को विदाई भी दी गई। खासकर शिप्रा नदी और पवित्र सरोवरों के तटों पर लोगों की भीड़ उमड़ी। शाम को सूर्यास्त के मौके पर घाट पर दीप प्रज्वलित कर लोगों ने पितरों को विदाई दी।