शहर के चार वार्डों में नहीं आया प्रेशर से पानी, शिप्रा से बूस्टिंग की बंद

जलकार्य समिति प्रभारी पीएचई अधिकारियों की ले चुके क्लास

उज्जैन, अग्निपथ। शहर में 1 अक्टूबर से प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है, लेकिन नलों से गंदा पानी आने की शिकायत आ रही थी। साथ ही कई जगहों पर प्रेशर नहीं मिल पाने के कारण पानी नहीं आ रहा है। जनता द्वारा इसकी शिकायत की जा रही थी, जिस पर जलकार्य समिति प्रभारी ने पीएचई के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनसे इस व्यवस्था को सुधारने को कहा था। शुक्रवार को फिर भी चार वार्डों में प्रेशर से पेयजल सप्लाई नहीं हो पाई।

शहर के नागरिकों द्वारा नलों से गंदा पानी आने और प्रेशर नहीं होने की लगातार शिकायत की जा रही थी। इसी को लेकर जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा ने दशहरा मैदान स्थित पीएचई कार्यालय पर कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर, शिवम दुबे, दिलीप नौधाने, राजीव शुक्ला, कमलेश कजोरिया, उपयंत्री सिसौदिया, राजपूत, दाहिमा, रोकड़े के साथ एक बैठक की थी।

बैठक में गंदे पानी के प्रदाय और प्रेशर से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचने की शिकायत का मुद्दा उठा था। प्रभारी श्री शर्मा ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री के शहर में इस तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। शिप्रा से बूस्टिंग बंद कर गंभीर डेम से ही जलप्रदाय किया जाय, साथ ही पानी साफ करने के लिये क्लोरिन टेस्ट प्रतिदिन किया जाय। इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट उनको प्रदाय की जाय।

पंपों की व्यवस्था करने की तारीख निकली

निगम आयुक्त आशीष पाठक ने नियमित जलप्रदाय के लिये पंपों की स्टैंड बॉय व्यवस्था करने को कहा था। 2 अक्टूबर की तारीख नियत की गई थी, लेकिन पंपों की खरीदी नहीं हो पाई। ज्ञात रहे कि नियमित जलप्रदाय और प्रेशर के लिये स्टैंड बॉय व्यवस्था के तहत एक पंप के साथ दूसरा पंप स्पेयर में रखा होना चाहिये। ताकि इन पंपों के खराब होने पर शहर की जलप्रदाय व्यवस्था बंद नहीं हो पाये। जबकि महापौर मुकेश टटवाल अधिकारियों के साथ बैठक में कह चुके हैं कि नये पंप खरीदी के लिये निगम के पास मद नहीं हो तो महापौर के मद का उपयोग करें, लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा रहा है।

पानी साफ लेकिन चार वार्डों में प्रेशर नदारद

शुक्रवार को उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में पेयजल सप्लाई की गई। जिसमें चार वार्ड 2, 3, 4 और 6 में पेयजल साफ तो आया लेकिन प्रेशर से नहीं आया। हालांकि शिप्रा से बूस्टिंग बंद कर दी गई है। जिसका असर देखा गया। साथ ही क्लोरिन की मात्रा भी पेयजल को साफ करने में अधिक कर दी गई है। जलप्रदाय पर जलकार्य समिति सदस्य और अधिकारी निगाह बनाये हुए हैं। यदि जलप्रदाय में गंदा, बदबूदार पानी आया तो एक बार फिर से इसकी समीक्षा की जायेगी। प्रभारी श्री शर्मा ने बताया कि शहर की जनता को दूषित पानी किसी भी हालत में प्रदाय नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री के शहर में इस तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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