उज्जैन,अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में रसायन विषय में रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया जा रहा है. इसका शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला तथा शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। यह रिफ्रेशर कोर्स को कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उन्मुख करने का एक मंच है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज में एक राष्ट्र एक नाम संकल्प भारत ,अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, भारतीय ज्ञान परंपरा, प्राचीन भारत में रसायन शास्त्र की मानव कल्याण के लिए उपयोगिता बताई। प्रोफेसर उमा शर्मा विभागाध्यक्ष रसायन एवं जैवसायन अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने स्वागत भाषण दिया एवं रिफ्रेशर कोर्स की रूपरेखा बताई।
प्रोफेसर हरीश व्यास, प्राचार्य शासकीय माधव महाविद्यालय उज्जैन ने रिफ्रेशर कोर्स की उपयोगिता के बारे में बताते हुए प्रतिभागियों को व्याख्यानों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। प्रोफेसर विमल राहा एसजीबीटी खालसा कॉलेज दिल्ली ने रसायन विज्ञान के मूल सिद्धांत और रसायन विज्ञान की प्रतिक्रिया के बारे में बताये।
प्रो. बृजेश पारे ने रसायन विज्ञान की 21वीं सदी में महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के अतिथि डॉ. ए.के. बख्शी का परिचय डॉ. कोमल शर्मा द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपेंद्र रघुवंशी एवं आभार प्रदर्शन डॉ. जीवन सिंह सोलंकी द्वारा किया गया।
इसी कड़ी में मंगलवार दिनांक 18 फरवरी को डॉ. ए. के. बक्शी ने शिक्षक को चॉक और टॉक तकनीक के साथ-साथ सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग से अवगत कराया l
दूसरे व्याख्यान में डॉ. विमल रार ने सैद्धांतिक के साथ साथ प्रायोगिक का शैक्षणिक पद्धति में उपयोग के बारे में बताया तथा रसायन प्रयोगशाला में सुरक्षा के लिए, नियमों का पालन करना, सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना, और खतरनाक सामग्री से सावधानी बरतने के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
इसी कड़ी में तृतीय दिन बुधवार दिनांक 19 फरवरी को डॉक्टर दिव्येंदु शेखर बाग, आईआईटी कानपुर ने मिरेकल्स मॉलिक्यूल के बारे में रोचक जानकारी दी। उन्होंने पॉलीमर एवं प्लास्टिक के विषय में उनकी संश्लेषण विधि से लेकर उनके कैरक्टराइजेशन तकनीको के बारे में भी बताया ।
अपने दूसरे वक्तव्य में उन्होंने रेसिलियंट रबर, पॉलीमर कंपोजिट्स तथा कार्बन नैनो मैटेरियल्स तथा उनका उपयोग थल सेना व वायु सेना के लिए बताया ।दूसरे व्याख्यान में डॉक्टर उमा शर्मा ने सुपर मॉलेक्युलर केमिस्ट्री के बारे में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया ।उन्होंने फोटो इलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कॉपी तथा उसके एप्लीकेशंस के बारे में विस्तृत जानकारी दी