रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि एवं शोभन योग में 30 को मनेगी अक्षय तृतीया
उज्जैन, अग्निपथ। अक्षय तृतीया पर श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन का विशेष महत्व है। इस बार अक्षय तृतीया पर 30 अप्रैल को शहर के एकमात्र बांके बिहारी मंदिर पर ठाकुर जी के चरण दर्शन कराये जायेंगे।
खाक चौक मंगलनाथ मार्ग स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के संतश्री पं. हरिनारायण शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन सुबह आठ बजे से रात 10 बजे ठाकुर जी के चरण दर्शन की विशेष व्यवस्था रहेगी।
साल मेें सिर्फ एक ही दिन होते हैं ठाकुर जी के चरण दर्शन
संतश्री पं. हरिनारायण शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान ने परशुराम अवतार लिया था। इसी दिन वामन अवतार में भगवान श्रीहरि ने एक पैर में आकाश के सात लोक और दूसरे में नीचे के सात लोक नाप दिये थे। तीसरा कदम उन्होंने राजा बलि के मस्तक पर रखा था। इस तरह अक्षय तृतीया पर भगवान श्रीहरि के चरण दर्शन का विशेष महत्व है।
ठाकुर जी श्री बांके बिहारी के चरण अन्य दिनों में छिपे रहते हैं। साल में सिर्फ एक ही दिन इन्हें दर्शन के लिए खुला रखा जाता है। इसके लिये विशेष पोशाख ठाकुरजी को धारण करवाई जाती है जिससे चरण दर्शन किये जा सकें।
इस दिन किए गए सभी शुभ कर्मों का फल होता है अक्षय
इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि और शोभन योग का शुभ संयोग रहेगा जिससे यह दिन मांगलिक कार्यों के साथ ही खरीदारी के लिए भी शुभ रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार प्रॉपर्टी, आभूषण, वाहन, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदना लाभदायक रहेगा।
दरअसल, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन कोई दूसरा मुहूर्त ना देखकर स्वयंसिद्ध शुभ मुहूर्त में विवाह समारोह किए जाते हैं। इस दिन किए गए सभी शुभ कर्मों का फल अक्षय हो जाता है। जिसके चलते लोग इस दिन धन-संपत्ति एवं वाहनों की खरीदारी करते हैं तो कई जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं।