सोशल मीडिया पर लगातार खबर चलने से लोगों में भय का माहौल
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के दो लोगों में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरियंट मिलने की खबर को सोशल मीडिया पर लगातार चलाने और इसको तीसरी लहर से जोडक़र देखे जाने के चलते लोगों में भय का माहौल है। लोगों में इस बात का भय व्याप्त हो गया है कि कहीं तीसरी लहर का यह शुरुआत तो नहीं।
लेकिन संभागीय कोरोना नोडल अधिकारी ने इस बात को सिरे से खारिज किया है कि यह तीसरी लहर का संकेत है। उन्होंने इससे बचने के लिए लोगों से कोरोना गाइड लाइन का पालन करने का अनुरोध किया है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट को मुख्य कारण माना गया था। इस वेरिएंट में म्यूटेशन के साथ सामने आए डेल्टा प्लस वेरिएंट को विशेषज्ञ और भी खतरनाक मान रहे हैं। संभावित तीसरी लहर के लिए डेल्टा प्लस वेरिएंट को कारक के रूप में देखा जा सकता है।
कई राज्यों में इससे संबंधित मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसे तीसरी लहर के दस्तक के रूप में लेकर लोगों को अलर्ट होने की जरूरत है। बचाव के उपायों को प्रयोग में लाकर ही इससे सुरक्षित रहा जा सकता है। संभागीय कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची का कहना है कि शहर के दो लोगों में डेल्टा वेरियंट पाया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है।
इन लोगों की जांचें भोपाल भेजी गई थीं। यहां पर इनका कोरोना वरियंट पता चला है। लोगों को बचाव के सभी उपायों को निरंतर प्रयोग में लाते रहना चाहिए। जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है संभव है कि उनमें इसका ज्यादा असर देखने को न मिले।
कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, वैक्सीनेशन सहित सभी जरूरी उपायों को लगातार प्रयोग में लाते रहना होगा। सभी लोगों को टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। कोरोना से बचाव ही आपको तीसरी लहर से सुरक्षा दे सकता है।