पटवारियों ने जमा किया राजस्व रिकॉर्ड, कलमबंद हडताल पर उतरे, कृषि संबंधी सभी कार्य होंगे प्रभावित

तीन सूत्री मांगों को लेकर पटवारी कर रहे हैं चरणबद्ध आंदोलन

झाबुआ। अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन पर उतरे पटवारियों ने मंगलवार को राजस्व रिकॉर्ड जमा कर कलमबंद हडताल शुरू कर दी। इससे कृषि संबंधी सारे कामकाज प्रभावित होंगे। इसका खामियाजा ग्रामीण किसानों को उठाना पड़ेगा।

झाबुआ जिले की सभी 6 तहसील के 380 हल्कों में 222 पटवारी पदस्थ हैं। मप्र पटवारी संघ के प्रांतीय आव्हान पर विगत 22 जून से पूरे प्रदेश के पटवारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद शासन स्तर पर सुनवाई नहीं होने से अब पटवारी संघ ने अपने आंदोलन को तेज कर दिया है।

इसी क्रम में मंगलवार को मप्र पटवारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिलेश मुलेवा एवं तहसील अध्यक्ष नानूराम मेरावत तहसील झाबुआ, गोपाल जोशी राणापुर, छतरसिंह मेरावत रामा, आनन्द मेड़ा मेघनगर, मलसिंह डामोर थांदला एवं ईश्वरलाल पाटीदार पेटलावद के नेतृत्व में सभी तहसीलों में पटवारियों ने राजस्व रिकॉर्ड जमा कर दिया।

इस मौके पर संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिलेश मुलेवा ने सभी पटवारियों को संबोधित करते हुए कहा हम हर परिस्थिति में शासन की मंशा अनुरूप जनता की सेवा के लिए अपना सर्वस्व दे रहे हैं। इसके बावजूद शासन हमारी अनदेखी कर रहा है। यह सब अब नहीं चलेगा। शासन की कोई भी विकास योजना हो उसकी शुरुआत पटवारी के रिकॉर्ड से होती है। छोटा सा स्टॉप डेम बनाना हो, चेक डैम बनाना हो, सडक़ बनाना हो, औद्योगिक ईकाई या रेल परियोजना हो या एयरपोर्ट का विस्तार की बात हो हर कहीं पटवारी की रिपोर्ट लगती है। जिसकी पूर्ति करने में तथा औपचारिकताएं पूर्ण करने में काफी परिश्रम कर पटवारी बंधु समयसीमा में कार्य पूर्ण करतें है। तब जाकर योजनाएं आकार लेती है।

इसके बावजूद पटवारियों के योगदान को अनदेखा किया जा रहा है। पटवारी अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं और शासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।

पटवारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुलेवा ने कहा वरिष्ठ अधिकारियों से भी हमारा निवेदन है कि हम आपके निर्देशानुसार 24 घण्टे सातों दिन कार्य करने के लिए तत्पर रहतें हैं और हमारी न्यायोचित मांगों के लिए आप हमारी मदद करें और हमारी मांगों का समर्थन करें। शासन प्रशासन के संज्ञान में यह बात लाए कि पटवारियों की मांगे उचित है और उनकी पूर्ति की जाना आवश्यक है।

आज मजबूर होकर हम लोग कलमबंद हड़ताल पर जा रहे हैं और शासन को यह समझना चाहिए उसका छोटा कर्मचारी किस विपरित परिस्थिति में कार्य कर रहा है। शासन को हमारी मागों पर गंभीरता से विचार कर उसका निराकरण करना चाहिए। इस बार हम आर पार की लड़ाई लड़ रहे हैं और अपनी जेब में इस्तीफा लेकर हड़ताल पर उतरे हैं। अब जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

यह हैं तीन सूत्री मांग

  1. ग्रेड पे 2800 की जाये- इसके लिए हम लोग वर्ष 2007 से लगातार प्रयास कर रहे हैं। सनावद के मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने हमारी इस मांग को मांगते हुए घोषणा की थी कि पटवारियों को 2800 रुपये ग्रेड दी जाएगी। किंतु इतने समय पश्चात भी हमारी यह मांग और माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी नहीं हुई है।
  2. सीपीसीटी की अनिवार्यता समाप्त की जाए-नवीन पटवारी साथियों को सेवा करते हुए 3 वर्ष से अधिक समय हो गया है एवं विभागीय समस्त कार्य यह लोग निर्बाध रूप से कर रहे है। कोरोना काल के चलते विभाग द्वारा सीपीसीटी की परीक्षा का आयोजन समय पर नहीं होने से हम चाहते हैं कि जैसे 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया गया है। इसी प्रकार हमारे नवीन पटवारियों को भी सिटी के अन्यथा से मुक्त कर उन्हें नियमित किया जाए एवं की वेतन वृद्धि लगाई जाए।
  3. पटवारियों की उनके गृह जिले में पदस्थापना की जाए हमारे नवीन पटवारी साथी दूरस्थ जिलों से आकर अपने अल्प वेतन पर यहां सेवाएं देते हैं। झाबुआ में ही मंडला, डिंडोरी एवं छिंदवाड़ा आदि स्थानों से 800 किलोमीटर दूर के बच्चे सेवारत है। इसी तरह झाबुआ झाबुआ जिले के अनेक बच्चे अनेक दूरस्थ जिलों में पदस्थ हैं। इतने अल्प वेतन पर इतनी अधिक दूरी पर सेवारत होने से इन आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही अपने पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनकी मानसिक स्थिति को समझा जा सकता है हमारे साथी डिप्रेशन में चले गए हैं और 15 से अधिक बच्चों की जान चली गई है। हम चाहते हैं कि बच्चों को नवीन पटवारी साथियों को उनके गृह जिले में पद स्थापना की जाए ताकि यह निश्चिंत होकर शासकीय सेवा के अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें।

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