भारतीय किसान संघ ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने दिया ज्ञापन
अग्निपथ संवाददाता, अंचल। अंचल में बारिश की अनियमितता के चलते खरीफ फसल को हुए नुकसान का सर्वे व बिजली सहित किसानों की विभिन्न समस्याओं का हल किया जाए। इस मांग को लेकर बुधवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले जगह-जगह प्रदर्शन कर केंद्र व राज्य सरकार के मुखियाओं के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया।
शाजापुर, अग्निपथ। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी, सदस्यों सहित अनेक किसान बुधवार को नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्र्यालय पहुंचे। यहां तहसीलदार राजाराम करजरे को खराब फसलों का सर्वे, पिछले साल की बकाया फसल बीमा व मुआवजे की राशि दिलाने सहित अनेक मांगों का ज्ञापन दिया गया।
इस दौरान किसान नेताओं ने किसानों की स्थानीय व क्षेत्रीय सहित प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया। साथ ही उनके हल के बारे में सुझाव भी दिए। ज्ञापन देते समय अनिल पाटीदार, जिला मीडिया प्रभारी मुकेश पाटीदार, ललित नागर, सतनारायण पाटीदार, ज्ञानसिंह गुर्जर, मांगीलाल पाटीदार, विजय गुरु, दिनेश मंडलोई, बनेसिंह गुर्जर, संजय गुर्जर, गजराजसिंह राजपूत, सुशील, बलवानसिंह सेंधव, दिनेश पाटीदार, दयाराम पाटीदार, इंदु भगत, कमल कराड़ा उपस्थित थे।
ये हैं समस्याएं
- जिले में जंगली जानवरों के कारण फसलों में भारी नुकसान हुआ है जिससे किसान खेती छोडऩे पर मजबूर हो रहे है।
- शाजापुर तहसील के प्रत्येक गांव में एरीकेशन एवं घरेलू बिजली तार तथा ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
- केंद्र सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ बैंक के अडिय़ल रवैये के कारण पात्र किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
- जिले की कृषि उपज मंडी में 10 से 50 टन क्षमता वाला बड़ा तोल कांटा लगा हुआ है, लेकिन मंडी बोर्ड भोपाल के आदेश के बावजूद किसानों का माल नहीं तोला जा रहा है।
ये भी हैं मांगें
- सोयाबीन फसलों में अधिक वर्षा व अन्य कारण से हुए नुकसान का सर्वे करवाकर राहत व बीमा राशि दिलवाई जाए।
- वर्ष 2020 बीमा राशि एवं मुआवजे की बकाया तीसरी किश्त किसानों की सेविंग खातों में डाला जाए।
- फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले वन्य प्राणियों को जिले से बाहर अभयारण्य में छोड़ा जाए।
- ट्रांसफार्मर व बिजली लाइन की मरम्मत व्यवस्था सुचारू की जाए।
- डेयरी द्वारा खरीदे जा रहे दूध के फेट के भाव बढ़ाए जाए। अमूल सहित अन्य कंपनी को प्रोत्साहन दिया जाए ताकि किसानों को दूध के भाव मिल सके।
- कृषि कार्य में लगने वाले सभी यंत्र एवं रासायनिक दवाई, खाद, बीज से जीएसटी बिल्कुल समाप्त की जाए।
- केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित योजनाओं के सफल संचालन के लिए जिला स्तर पर किसान प्रतिनिधियों के साथ एक निगरानी समिति बनाई जाए।
- किसानों को ट्रांसफार्मर पर किसान अनुदान योजना पहले की तरह लागू की जाए।