थांदला, अग्निपथ। कोरोना के चलते 17 माह से बंद पड़े माध्यमिक स्कूल पहले ही दिन पोल चुकी है। सोमवार को प्राथमिक स्कूल भी शुरू हो गये किन्तु प्रशासनिक लापरवाही और उदासीनता के चलते नन्हें बच्चों को अभावों के बीच स्कूलों में बैठने को मजबूर होना पड़ा। आलम यह था कि उत्कृष्ट स्कूल प्रांगण में लग रहे बालक प्राथमिक विद्यालय के कक्ष की छत टपक रही थी। जिसके चलते स्कूल प्रारम्भ होते ही कुछ बच्चों को नीचे जमनी पर बैठना पड़ा। यह स्थिति तब की है जब अभी स्कूलों में उपस्थिति 50 फीसदी ही रखना।
मजेदार बात यह कि नगर के उत्कृष्ट स्कूल में लगने वाले बालक प्राथमिक में कुल 89 छात्र दर्ज हैं। इनमें से 50 फीसदी के हिसाब से 45 छात्र को स्कूल पहुंचना था। लेकिन आज सिर्फ 16 छात्र ही पहुंचे। इस संबंध में शिक्षक आशिक कारीगर का कहना है बच्चों को मोबाइल से सूचना दे दी गयी थी। आज उपस्थिति जरूर कम है एक दो दिन में छात्रों का नियमित आना शुरू हो जाएगा। प्राथमिक कन्या विद्यालय में भी प्रथम दिन उपस्थिति को लेकर आलम यही बना हुआ था। यहां भी लगभग 150 छात्राओं में से गिनी चुनी छात्राएं पहुंचीं।
स्कूल खुलने के प्रथम दिन नगर की स्थिति की तरह ही ग्रामीण क्षेत्रों की भी बनी हुई थी। ग्राम रुंडीपाड़ा प्राथमिक विद्याल की शिक्षिका अवकाश पर थी। यहां एक अन्यत्र स्कूल की शिक्षिका बरामदे में बैठ मोबाइल में व्यस्त थी। पूछने पर बताया कि यहां कि शिक्षिका अवकाश पर है। आप बताते तो बच्चों को बुलवा लेती मैं अन्यत्र स्कूल की शिक्षक हूं।
ग्राम बड़ा जुलवानिया के पटेल फलिया स्कूल जो विवादों के चलते आनगांववाड़ी भवन में चल रहा है। 43 विद्यार्थी दर्ज हैं यहां लगभग 15 बच्चे पढ़ाई करते मिले। यहां स्कूल भवन निर्माण को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। इसी के चलते बंद पड़ी आंगनवाड़ी भवन में स्कूल लग रहा है। आंगनवाड़ी की तलाश की तो बताया गया कि वह किसी निजी टॉपरे में लग रही।
दर्ज 43 पोर्टल पर 23
पटेल फलिया प्राथमिक विद्यायल के शिक्षक मि_ू सिंह गणावा ने बताया कि स्कूल में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 43 है। किंतु पोर्टल पर 23 ही बता रहा। इस बारे में जन शिक्षक से लेकर बीआरसी कार्यालय को भी अवगत करवाया जा चुका है। किंतु त्रुटि सुधार नहीं होने से मध्यान्ह भोजन, स्कूल ड्रेस छात्रवृत्ति को लेकर पालक आए दिन विवाद करते हैं।