कायथा, (दिनेश शर्मा) अग्निपथ। गांव के लोगों की प्यास बुझाने के लिए 40 साल पहले बनाई नल जल योजना से आज तक लोगों को फायदा नहीं हुआ है। गांव के कई हिस्सों के रहवासी अब भी दो किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।
कायथा वासियों का दर्द वास्तव में बहुत चिंतनीय है। 12 हजार से अधिक आबादी वाले गांव में पेयजल के लिए दो बड़ी टंकियां बनाई गई हैं लेकिन दोनों टंकियां भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पाई। पेयजल के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए बर्बाद होने के बावजूद आज तक ग्रामीणों को पेयजल नहीं मिला।
शासन एवं प्रशासन में बैठे लोग चुनावी समय में ऐसे वादे करते हैं जो आसमान में तारे तोडऩे जैसे रहते हैं। चुनावी सीजन में जनता को बरगलाने सब नेता आते हैं परंतु कायथा वासियों का दर्द दर्द किसी ने नहीं समझा।
प्रतिदिन कई किलोमीटर दूर से पानी लाना अब लोगों को खलने लगा है। लोगों ने सालभर होने वाली समस्या दूर करने की गुहार लगाते हुए जनप्रतिनिधियों को हल के लिए सुझाव भी दिया है।
बड़ा स्टॉप डेम बनाकर हो सकती है समस्या हल
ग्रामीणों का सुझाव है कि काली सिंध नदी पर रेलवे पुल पर एक बड़ा स्टॉप डेम बनाकर पूरे कायथा वासियों को साल भर पानी पिलाया जा सकता है। केवल एक ही बार खर्च होने में कायथा वासियों की 40 वर्षों की समस्या से निजात पा सकते हैं। साथ ही सरकार को हर साल लाखों रुपए खर्च नहीं करना पड़ेंगे। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सांसद एवं विधायक को तराना तहसील के सबसे बड़े गांव कायथा के निवासियों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना चाहिए।