सेवक गर्भगृह गेट पर कर रहे खुलेआम मोबाइल का उपयोग

कोई न रोकने वाला, न टोकने वाला, 20 दिसम्बर नजदीक

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सेवक बनकर कई लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। यहां पर सुबह से शाम तक इनका यही काम है। बदले में श्रद्धालु इनकी क्या सेवा करते होंगे, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। पंडे पुजारियों के कई ऐसे सेवक भी हैं जिनका रुतबा इतना अधिक है कि वह गर्भगृह गेट पर प्रतिबंध के बावजूद मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं।

महाकालेश्वर मंदिर में यूं तो कई सेवक हैं जोकि सेवा के बदले में कमाई कर रहे हैं। लेकिन कई सेवक ऐसे हैं जोकि रिटायर होने के बाद भी सेवा के नाम पर अभी तक कमाई करने में लिप्त हैं। यह प्रोटोकाल पाइंट लाकर श्रद्धालुओं को सुबह से लेकर शाम तक दर्शन करवा रहे हैं। 1500 रु. दर्शन टिकट हो या 250 रु. से श्रद्धालुओं के दर्शन कराने का….कोई भी मौका छोड़ा नहीं जा रहा है।

कोटितीर्थ कुंछ से लेकर हर मुख्य प्रवेश द्वार तक इनकी पहुंच है। क्योंकि यह पूर्व में यहीं पर पदस्थ रह चुके हैं। पूर्व में प्रोटोकाल को दर्शन करवाने की पूर्व में इनकी ही जिम्मेदारी रही है। लिहाजा आज रिटायर होने के बाद भी यह श्रद्धालुओं को लाकर पूर्व की ही भांति दर्शन करवा रहे हैं। यह विभाग के श्रद्धालुओं अथवा किन श्रद्धालुओं को दर्शन करवा रहे हैं। यह तो मंदिर प्रबंध समिति ही जानें, लेकिन इतना तो तय है कि यह सुबह से लेकर शाम तक हजारों रुपये यहां से ले जा रहे हैं।

प्रोटोकाल का जिम्मा क्या दे दिया

महाकालेश्वर मंदिर में कई विभागों का प्रोटोकाल संभालने के लिये विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इनका दिनभर श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने का काम रहता है। रात में आ जायें तो भस्मारती तक इनके द्वारा करवाई जाती है। लेकिन इनमें से कई दर्शन के नाम पर दूसरे पाइंट भी निकालते देखे जा सकते हैं। रेगूलर होने के कारण गेट पर भी इनसे ज्यादा पूछताछ नहीं की जाती है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि सभी इस तरह के कारनामें को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन इनमें से कुछ जरूर इस तरह का काम कर भगवान महाकाल के दरबार को भी नहीं छोड़ रहे हैं।

सेवकों के इतने रुतबे कि मोबाइल…

महाकालेश्वर मंदिर में कई पुजारी पुरोहितों के कई सेवक ऐसे हैं, जोकि रसूखदारों के श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं। इनका रुतबा इतना अधिक है कि यह गर्भगृह के गेट पर मोबाइल पर बात करते रहते हैं। नंदीहाल या गर्भगृह में आये अपने श्रद्धालुओं का किसी भी तरह से फोटो खींचकर उनको प्रदान करते हैं। बदले में उनको क्या मिलता होगा, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बुधवार को आरती के बाद एक सेवक ने गर्भगृह गेट पर खुलेआम मोबाइल से पहले तो बात की और फिर इसको हाथ में रखकर अपने श्रद्धालुओ को दर्शन करवाता रहा।

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