सिविल हॉस्पिटल से दवाई वितरण में गड़बड़ी की आशंका

एक वर्ष में कितनी दवाईयां प्राप्त हुई और कितनी वितरित की गई तथा मरीजों की संख्या कितनी है की जांच से उजागर हो सकता है मामला

सुसनेर, अग्निपथ। स्थानीय सिविल हॉस्पिटल के दवा वितरण केन्द्र से दवाईयो का वितरण होने में गडबडी की आशंका पैदा हो रही है। और ये आशंका दो माह से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद भी नहीं दिये जाने की वजह से उत्पन्न हो रही है। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र की दवाईयां निजी चिकित्सको तक भी पहुंच रही है।

स्थानीय पत्रकारो के द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर के जब बीते एक वर्ष में स्वास्थ्य केन्द्र को मिली दवाईया तथा उस केन्द्र से सिविल अस्पताल की ओपीडी, भर्ती वार्ड, उप स्वास्थ्य केन्द्र, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर, आयुष चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को मांग पत्र के आधार पर कितनी दवाईयां दी गई है इसकी जानकारी मांगी गई तो बीएमओ ने सुचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर जानकारी हासिल करने की बात कही। जबकि 6 अप्रेल को ही नगर के एक पत्रकार के द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र की रोगी कल्याण समिति तथा नेशनल हेल्थ मिशन से जूडी जानकारीयां हासिल करने के लिए सुचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया था।

किन्तु 2 माह बाद भी सम्बंधित पत्रकार को स्वास्थ्य विभाग के जिम्मैदारो ने किसी की प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। सिविल अस्पताल में जो भी दवाई शासन से प्राप्त होती है। उस दवाई को स्टोर रूम के जरीए वितरित किया जाता है। जिसको भी दवाई चाहिए वह अपना मांग पत्र बनाकर स्टोर कीपर को देता है उस मांग पत्र के आधार पर स्टोर रूम से दवाईया जारी की जाती है।

स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले मरीजो को लगाए जाने वाले डाइक्लोफेनिक, डायसाईक्लोमिन, टेजो बेक्टम के साथ अन्य विभिन्न प्रकार के इंजेक्शन तथा ब्लड प्रेशर और शुगर के उपयोग में आने वाली एमलोडेपिन, मेट फार्मिन जेसी दवाईयां खुले बाजार में निजी चिकित्सको के पास पहुंच रही है। जिससे इस आशंका को बल मिलता है। कि सिविल अस्पताल से दवाईयों के वितरण में गड़बडिय़ां की जा रही है।

इन बिन्दुओ की जांच करे स्वास्थ्य विभाग तो सामने आ जाएगी सच्चाई

सिविल हॉस्पिटल से दवाईयो की गडबडियो के मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मैदार पिछले एक वर्ष में सिविल हॉस्पिटल के स्टोर रूम में किन-किन दवाईयो की कितनी-कितनी मात्रा आई और मांग के आधार पर किन-किन को कितनी मात्रा में दवाईया दी गई। हॉस्पिटल के भर्ती वार्ड और ओपीडी में मांग के आधार पर जितनी दवाईयां पिछले एक वर्ष में प्रदान की गई वो किन-किन मरीजो में वितरित की गई है।

सूत्रो का दावा है कि ओपीडी और वार्ड में भर्ती मरीजा की संख्या जितनी पिछले एक वर्ष में रही है। उससे ज्यादा दवाईया इन दोनो जगहो पर दी गई है। इसी तरह से जिस-जिस जगह पर दवाई दी गई है। वहां आने वाले मरीजो की संख्या कितनी है और कितनी दवाईया उन्है वितरण के लिए दी गई थी। इसकी जांच की जाए तो पूरे मामले की सच्चाई स्वास्थ्य विभाग के सामने आ सकती है।

स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न मदो में शासन से प्राप्त होने वाली दवाईयो और उस दवाई को मांग पत्र के आधार पर किन-किन को दिया गया है। इसकी जानकारी तथा अन्य जो भी जानकारियां आपको चाहिए वह सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने पर निर्धारित समयावधि में उपलब्ध करवा दी जाएगी। – डॉ. राजीव बरसेना, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सुसनेर।

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