31 अगस्त तक मंदिर में टिकट व्यवस्था पूरी तरह से काम करने लगेगी
उज्जैन, अग्रिपथ। महाकाल मंदिर में आम लोगों से कोई टिकट नहीं लिया जा रहा है। वे एक से डेढ़ घंटे में दर्शन कर पा रहे हैं। आम दिनों में एक से डेढ़ लाख लोग दर्शन कर रहे हैं। जबकि वीकएंड पर दो से ढाई लाख लोग दर्शन करते हैं। हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं कि 31 अगस्त तक वीआईपी बगैर टिकट के नहीं जा पाएंगे। यानी एक जुलाई से नई व्यवस्था काम करने लगेगी।
यह जानकारी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि टिकट व्यवस्था का विरोध वीआईपी कर रहे हैं। हम आने वाले दिनों में ऐसी व्यवस्था बना देंगे कि आम लोगों को मंदिर के बाहर दर्शन के लिए खड़ा नहीं होना पड़ेगा। एक साथ आठ लाइनें चलेंगी।
दर्शनाथियों की संख्या काउंट करने की व्यवस्था का ट्रायल : कलेक्टर ने बताया कि महाकाल मंदिर में कितने भक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं। यह व्यवस्था बना ली गई है। इसके लिए जरूरी उपकरण लगा दिए गए हैं। इसका ट्रायल चल रहा है। जल्द ही हम मंदिर की बेवसाइट पर प्रतिदिन का आंकड़ा डालने लगेंगे। मंदिर का विस्तार पांच गुना हो गया है। इसलिए अभी काम में समय लग रहा है।
शिव अपर्णम लांज बनेगा, जहां दान कर सकेंगे भक्त
कलेक्टर ने बताया कि महाकाल मंदिर में आने वाले भक्त यहां दान देना चाहते हैं। उसके लिए एक शिव अपर्णम नाम से लांउज बनाया जा रहा है। फाइव स्टार होटल की तर्ज पर बनने वाले लाउंज में भविष्य में महाकाल में होने वाले निर्माण की जानकारी रहेगी। इसके लिए आधा-आधा एकड़ का क्षेत्र रहेगा। इसे देखकर वह अपनी श्रद्धा के मुताबिक दान देकर निर्माण करा सकेगा। शिव अपर्णम लाउंज का निर्माण भी दर्शनाथियों के सहयोग से किया जाएगा।
तिरुपति की तर्ज पर कमरे बनाएंगे
महाकाल मंदिर के आसपास दो हजार कमरे बनाने का प्लान है। सिंहस्थ के पहले इसे बना दिया जाएगा। दान दाताओं के सहयोग से यह निर्माण कराया जाएगा। उसे केवल बुकिंग में प्राथमिकता दी जाएगी। किराया भी उसे ही देना होगा। तिरुपति में इस माडल पर काम हो रहा है।