’टाटा कर चली जाएगी टाटा कंपनी और जनता कॉलर हमारी पकड़ेगी‘

भूमिगत सीवरेज लाइन की समीक्षा बैठक में शहर की उखड़ी सडक़ों को लेकर सांसद बिफरे

उज्जैन, अग्निपथ। शहर में डाली जा रही भूमिगत सीवरेज लाइन के कार्य की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को हुई बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया ने ठेकेदार कंपनी के काम को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। काम की ढीली रफ्तार से लोगों को हो रही असुविधा से खिन्न सांसद बोले टाटा कंपनी हमको टाटा दिखा कर चली जाएगी, परंतु जब सडक़ों पर बारिश का पानी भर जाएगा तब उज्जैन की जनता हमारा कॉलर पकड़ेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को बृहस्पति भवन में हुई समीक्षा बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी कार्य की धीमी रफ्तार को लेकर असंतोष जताया। बैठक में सांसद ने साफ शब्दों में कहा कि टाटा कंपनी के द्वारा किए गए कार्य में गुणवत्ता का पूरी तरह अभाव है इसकी पूरी जांच की जाना चाहिए और रिपोर्ट जांच तत्काल कराकर उन्हें बताई जाए। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया रखने की हिदायत टाटा कंपनी के अधिकारी को दी। साथ ही कहा कि सीवरेज के चेंबर का लेवल ठीक होना चाहिये। सडक़ों पर चेंबर ऊपर-नीचे न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाये। चेंबर की डिजाईन ठीक हो। सीवरेज लाइन के कार्य का कभी भी जनप्रतिनिधि सामूहिक रूप से निरीक्षण करेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने निर्देश दिये हैं कि भूमिगत सीवरेज परियोजना का कार्य सघन बस्ती में विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा है कि सीवरेज कार्य की समय-समय पर मॉनीटरिंग की जाये और कंपनी पर नियंत्रण ठीक ढंग से किया जाये। विधायक पारस जैन ने बैठक में कहा कि विगत कई सिंहस्थ में कभी भी सिंहस्थ नहीं भराया, उन जगहों में अवैध कॉलोनियां बन रही है, या रकबा खाली है। इस सम्बन्ध में उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा था और कलेक्टर द्वारा सर्वे भी कराया गया है। जैन ने इस सम्बन्ध में कलेक्टर से चर्चा की। कलेक्टर ने अवगत कराया कि शासन को सात दिवस के अन्दर जानकारी भेज दी जायेगी।
बैठक में नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से उज्जैन शहर की भूमिगत सीवरेज परियोजना की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि शहर में सीवरेज सिस्टम का मुख्य उद्देश्य सिस्टम को शहर से जोडऩा है, ताकि नागरिकों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सके। भूमिगत जलस्रोतों को प्रदूषण एवं गन्दे पानी की बदबू से शहरवासियों को बचाना है। शत-प्रतिशत घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोडऩा है। यह कार्य फेज-1 एवं फेज-2 में पूर्ण किया जायेगा। इसी के साथ शिप्रा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना है। उज्जैन शहर के नौ वार्डों में अभी कार्य नहीं होना है। अभी 11 वार्डों में आंशिक रूप से कार्य किया जाना है। शहर के 34 वार्ड पूर्ण रूप से आच्छादित होंगे। सिंघल ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत न्यूनतम दर पर राज्य स्तरीय तकनीकी समिति एसएलटीसी द्वारा वर्ष 2017 में स्वीकृत किया है। इसी वर्ष कंपनी को अनुबंध करने के उपरान्त 7 नवम्बर 2017 को कार्यादेश जारी किया गया।

अब तक 120 किमी पाइप लाइन डली

निगम आयुक्त ने बताया कि शहर में सीवरेज प्लांट हेतु शासकीय भूमि का नगर निगम को अग्रिम आधिपत्य प्राप्त एवं इन पर कार्य किया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण लगभग 65 प्रतिशत सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है। शहर में अभी तक करीब 120 किलो मीटर में पाईप लाइन डाल दी गई है।बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी सहित अन्य अधिकारी एवं टाटा कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।

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