नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस के हाथ इस हिंसा को लेकर बड़ा सबूत लगा है।
दिल्ली पुलिस को मिले सबूतों के मुताबिक दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में खालिस्तानी हाथ बताया जा रहा है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी समर्थकों के ट्विटर हैंडल से हिंसा की पूरी साजिश रची गई थी।
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर जांच में जुटी दिल्ली पुलिस के हाथ अहम सबूत लगे हैं। इसके मुताबिक इस हिंसा में खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। खालिस्तानी ट्वीटर हैंडल के जरिए ही इस हिंसा की साजिश रची गई थी।
दिल्ली पुलिस की राडार पर खालिस्तानी ट्विटर हैंडल
दिल्ली पुलिस को मिले इस सबूत के बाद अब तमाम खालिस्तानी समर्थकों के ट्विटर हैंडल दिल्ली पुलिस की रडार पर हैं।
इस तरह के सभी ट्विटर हैंडल्स की पहचान करके उनके कंटेंट को डंप किया जा रहा है। ये ट्विटर हैंडल कहां, कब और किसने बनाए ये तमाम जानकारी भी विस्तार से जुटाई जा रही है। दरअसल दिल्ली पुलिस को ऐसे ट्विटर हैंडल्स में कई भड़काऊ पोस्ट मिले हैं।
आपको बता दें कि 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा में करीब 400 पुलिसवालों को जख्मी होने की बात सामने आई है।
किसान दिल्ली के लाल किले में भी घुस गए थे। वहां उन्होंने धार्मिक झंडा भी फहरा दिया था। मामले में पुलिस ने अब कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रदर्शनकारियों ने मचाया उत्पात
गणतंत्र दिवस पर लाल किला में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। राष्ट्रीय धरोहर ना सिर्फ नुकसान पहुंचाया बल्कि पुलिसवालों के हाथों से कारतूस तक छीन लिए।
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दो कांस्टेबलों से दो मैग्जीन के साथ 20 कारतूस, दंगा रोधी उपकरण भी छीन लिए और वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
घटना को लेकर दर्ज प्राथमिकी में ये आरोप लगाया गया है। उत्तरी दिल्ली में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया है कि लाल किला पर हिंसा के दौरान 141 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
प्राथमिकी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने बंदूकें भी छीनने का प्रयास किया लेकिन दोनों कांस्टेबल अपना हथियार सुरक्षित रख पाने में कामयाब रहे।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोकसेवक के काम में बाधा डालना), धारा 353 (लोकसेवक को उसकी ड्यूटी से रोकने के लिए हमला), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 152 (दंगा के दौरान लोकसेवक पर हमला), 397 (लूटपाट, डकैती के साथ हमले का प्रयास) और 307 (हत्या के प्रयास) के तहत केस दर्ज किया।