दूल्हा बने महाकाल की पूरी रात चली महापूजा, आज दोपहर 12 बजे भस्मारती
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर रात में बाबा महाकाल की महापूजा प्रारंभ हुई। इसके बाद बाबा का महाभिषेक किया गया और सप्तधान मुखारविंद धारण कराया गया इसके बाद बाबा महाकाल भगवान ने सेहरा धारण किया रात 10.30 बजे से भगवान श्री महाकालेश्वर का महाभिषेक किया गया महाभिषेक के दौरान दूध 101 किलो, दही 31 किलो खाण्डसारी (शक्कर) 21 किलो, शहद 21 किलो, घी 15 किलो, पांच प्रकार के फलों का रस 2-2 किलो, गन्ने का रस 11 किलो, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक कराने के पश्चात बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया।
शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। वहीं दोपहर में मंदिर के गर्भगृह में दोपहर 12 से 1 बजे तक तहसील की ओर से अभिषेक किया गया। इसके पश्चात सांय 4 से 5 बजे तक होल्कर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया।
इसके बाद सांय 5.30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती हुई। रात 8 बजे से रात 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड पर स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा श्रृंगार आरती की गई।
108 किलो सप्तधान्य, पंच मेवा, मिष्ठान, फलों का रस अर्पित होगा
भगवान महाकाल का महाअभिषेक के पश्चात नए वस्त्र धारण कराने के बाद श्री सप्तधान मुखारविन्द धारण कराया गया। इसके पश्चात सप्तधान अर्पण किये जिसमें 31 किलो चावल, 11 किलो मूंग खड़ा, 11 किलो तिल, 11 किलो मसूर खड़ा,11 किलो जौं, 11 किलो गेंहू , 11 किलो साल और 11 किलो खडा उड़द श्री महाकालेश्वर को अर्पित किया गया।
विभिन्न फूल, आंकड़े के फूल, सवा लाख बिल्व पत्र से बना सेहरा
भगवान महाकाल को सप्तधान अर्पण के बाद पुजारी भगवान को सेहरा बांधा गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के फूलों की लडिय़ा, आंकड़े एवं पुष्पों की मोटी-मोटी माला के साथ ही भगवान को सवा लाख बिल्वपत्र अर्पित की गई। सेहरा तैयार होने के बाद भगवान को स्वर्ण व रजत आभूषण छत्र, चन्द्र मुकुट, त्रिपुण्ड़ धारण कराए गये। भगवान को सेहरा चढ़ाने के बाद न्यौछावर नेग स्वरूप चांदी का एक सिक्का एक चांदी का बिल्वपत्र मंदिर समिति की ओर से आचार्य पुजारी द्वारा भगवान को चढ़ाया गया।
आज सुबह पंच मेवा, पंच मिष्ठान, पांच प्रकार के फलों का लगेगा भोग
भगवान महाकाल को सेहरा सजाने के बाद शनिवार को सुबह 6 बजे से सेहरा आरती होगी। सेहरा आरती में भोग के लिए श्री कोटेश्वर महादेव, श्री चंद्रमोलेश्वर एवं भगवान श्री महाकालेश्वर के भोग के लिए पंचमेवा 1-1 किलो और पंच मिष्ठान कुल 7 किलो 500 ग्राम, पांच प्रकार के फल व भोग में लगने वाली अन्य सामग्री अर्पण की जाएगी। सेहरा आरती के बाद दो सशस्त्र पुलिस बल के जवान गर्भगृह द्वार पर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहेंगे।
11 बजे उतरेगा सेहरा, 12 बजे होगी भस्म आरती
बाबा महाकाल का शनिवार को प्रात: 11 बजे सेहरा उतारा जाएगा। भगवान के आभूषण, मुखारविन्द, वस्त्र बाहर निकालने के बाद दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक भस्म आरती होगी। भस्म आरती सम्पन्न होने के आधे घंटे बाद दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक भगवान की भोग आरती होगी।
भोग आरती के पश्चात ब्राह्मण भोजन नवनिर्मित श्री महाकालेश्वर नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में होगा। भोजन उपरांत ब्राह्मणों को दक्षिणा प्रदान की जाएगी। शनिवार को संध्या पूजन सांय 5 बजे से 5.45 बजे तक होगी। इसके बाद संध्या आरती 6.30 से 7.15 बजे तक होगी। वहीं शयन आरती रात 1०.30 बजे से और रात 11 बजे भगवान के पट मंगल होंगे।