सभा मण्डप में विराजित वीरभद्र भैरव के कान में कही मनोकामना
उज्जैन, अग्निपथ। ओलंपिक में पदक विजेता साक्षी मलिक ने शुक्रवार को भगवान महाकाल के दर्शन किये। वे पति पहलवान सत्यव्रत कादियान के साथ उज्जैन पहुंचीं। यहां उन्होंने सभागृह में विराजित वीरभद्र भैरव की पूजन भी की और उनके कान में अपनी मनोकामना कही। मीडिया से बात करते हुए बोलीं, अब वे महिलाओं के लिए अपना अलग अखाड़ा चला रही हैं और वे अब अपने अखाड़े को आगे बढ़ाएंगी। महाकाल मंदिर में साक्षी और उनके पति ने नंदी हॉल में बैठकर बाबा की आराधना की। पूजन पुरोहित शैलेंद्र शर्मा ने करवाया।
मीडिया से से बात करते हुए साक्षी ने कहा, शांतिपूर्वक दर्शन हुए हैं। यही कामना की है कि पूरा परिवार अच्छे से रहे, आगे बढ़ता रहे, तरक्की करता रहे। आगे की तैयारी के सवाल पर कहा, हमारा खुद का अखाड़ा है। अपना अखाड़ा आगे बढ़ाएंगे। जो हमने सीखा है, बच्चों को सिखाएंगे।
बता दें कि अमेरिका की टाइम मैगजीन ने हाल ही में हरियाणा की ओलिंपियन पहलवान साक्षी मलिक को आइकॉन की लिस्ट में प्रभावशाली हस्ती माना है। मैगजीन ने टॉप 100 हस्तियों के नामों की घोषणा की। मैगजीन में नाम पाने वाली हरियाणा की इकलौती पहलवान साक्षी मलिक हैं।
मैगजीन ने इनका नाम शामिल करते हुए कहा कि साक्षी ने कुश्ती में यौन शोषण के खिलाफ बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन में भी साक्षी ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपनी कुश्ती से भी संन्यास ले लिया है।
पिछले साल बृजभूषण के खिलाफ धरना शुरू किया था
पिछले साल (2023) 18 जनवरी को 30 पहलवानों ने यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।
उस दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था। बृजभूषण पर प्रकरण दर्ज करने और कमेटी पर ही सवाल खड़े करते हुए 23 अप्रैल को फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। पहलवान धरनास्थल से उठकर 28 मई को दिल्ली में नई संसद भवन पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे। इसी दौरान पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
तभी जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया था। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी। हालांकि पहलवान इस मामले को लेकर अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन करते रहे। 2 दिन बाद 30 मई को साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया अपने मेडल लेकर हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित करने पहुंचे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें रोक लिया।
इसके बाद दिसंबर में डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष पद पर बृजभूषण के करीबी की नियुक्ति पर पहलवान फिर भडक़ गए। साक्षी मलिक ने उसी दिन जूते टेबल पर रख कुश्ती से संन्यास ले लिया था। इसके बाद बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया था। वह इस अवॉर्ड को प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर रखकर आ गए थे। इसके कुछ दिन बाद रेसलर विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया था।