रिश्वत कांड में पकड़ाने के बावजूद ढाई साल तक करता रहा उसी जगह पर नौकरी
उज्जैन, अग्निपथ। बड़े आश्चर्य की बात है कि स्वास्थ्य विभाग का लेखपाल ईओडब्ल्यू से पकड़ाने के बावजूद ढाई साल तक उसी जगह पर नौकरी करता रहा। जहां पर पकड़ाया था। रिश्वत कांड से पूर्व नियम विरुद्ध उसको सामुदायिक से ब्लॉक अकाउंट मैनेजर (लेखापाल)बना दिया गया। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के बावजूद निर्विघ्न होकर आरोपित ढाई साल तक उसी जगह पर नौकरी करता रहा…. आखिरकार नेशनल हेल्थ मिशन के मैनेजिंग डायरेक्टर ने 21 मई 2024 को उसकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
मामला कुछ इस तरह से है कि विगत वर्ष 13 सितम्बर 2021 को उज्जैन ईओडब्ल्यू की टीम ने आरोपित दीपक राठौर ब्लॉक अकाउंट मैनेजर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र तराना जि़ला उज्जैन को बीएमओ कार्यालय तराना में 16 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपित द्वारा फ़रियादिया डॉक्टर रीमा जैसवार, उप स्वास्थ्य केंद्र सुमराखेड़ा उज्जैन से इन्सेंटिव से सत्तर हज़ार की राशि निकालने के एवज़ में उक्त रिश्वत की माँग की गयी थी।
डॉक्टर रीमा द्वारा उज्जैन ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी को लिखित शिकायत की गयी थी, जिस पर डीएसपी केथवास, निरीक्षक कल्पना मिश्रा , अजय सनकत , उप निरीक्षक अनिल शुक्ला अशोक राव एवं अन्य स्टाफ़ की टीम बनाकर उक्त कार्रवाई की गई। मामले में ढाई साल बाद नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी ने लेखापाल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
प्रमोशन भी दे दिया गया
बड़े ही आश्चर्य की बात है कि दीपक राठौर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एकाउंट मैनेजर था। ईओडब्ल्यू से ट्रेप होने के पूर्व इसको प्रमोशन देकर ब्लॉक एकाउंट मैनेजर बना दिया गया। ट्रेप होने के बाद उज्जैन में बैठे स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस दौरान न तो इस ओर ध्यान दिया कि आरोपित रिश्वत कांड में पकड़ा जा चुका है, उस पर कार्रवाई की जाय और न ही अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
वर्ष-2014 के बाद से केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा शासन के समस्त विभागों पर प्रमोशन में आरक्षण को लेकर समस्त प्रकार के प्रमोशन पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन दीपक राठौर को सामुदायिक से ब्लॉक एकाउंट मैनेजर के पद पर पदोन्नत किया गया।
क्या हैं शासन के नियम
13 सितम्बर 2021 को आरोपित दीपक राठौर रिश्वत लेते हुए पकड़ाया था। तब से लेकर आज तक आरोपित उसी पद पर कार्य करता रहा। नियमानुसार ट्रेप होने के तत्काल बाद उसको 24 घंटे में इस पद से हटाया जाना था अथवा उसका ट्रांसफर वहां से किया जाना था लेकिन उज्जैन में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। जिससे ऐसे भ्रष्टाचारियों को सबक मिलता।
हालांकि ईओडब्ल्यू के पत्र के बाद नेशनल हेल्थ मिशन के डॉयरेक्टर ने उसकी तारीख पेशी तय की। तारीख पेशी उसने आगे बढ़ाने का निवेदन किया जोकि मान्य कर लिया गया। इसके बाद दूसरी तारीख पेशी में उसने अपना पक्ष रखा, लेकिन डॉयरेक्टर उसके द्वारा दी गई दलीलों से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने 21 मई 2014 को उसको नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
कितनी संपत्ति है आरोपित के पास
आरोपित दीपक राठौर ने अपने नौकरी के कार्यकाल के दौरान ढेरों संपत्ति अर्जित की। उसके पास 6 फर्म हैं, इनमें अंकपात रोड स्थित पूजा ट्रेडर्स, लालबाई फूलबाई मार्ग स्थित निर्माणाधीन फर्म, पूजा आटा चक्की, पूजा किराना होलसेल स्टोर्स, पूजा मसाला उद्योग, पूजा कोचिंग क्लास आदि। उसके पास तीन भवन भी हैं। चार टू व्हीलर और एक फोर व्हीलर भी वह मेंटेंन करता है।
इनका कहना
ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का अधिकार नियोक्ता को ही होता है। नियोक्ता ने ही उसको नौकरी से बर्खास्त किया है।
– डॉ. दीपक पिप्पल, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य उज्जैन