गुड्डू कलीम हत्याकांड से समाज को सीख लेने की जरूरत

गुड्डू कलीम हत्याकांड सभी किरदारों के चरित्र की सूक्ष्म विवेचना कर गुण-दोष के आधार पर यह तय करे कि किन-किन गलतियों के कारण इस जघन्य हत्याकांड की परिस्थितियां उत्पन्न हुयी?

गुड्डू कलीम हत्याकांड

उज्जैन, (अर्जुन सिंह चंदेल) अग्निपथ। हम उसी भारत देश की संतानें हैं जहाँ त्रेता युग में एक साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लेकर राम जी ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिये पूरा राजपाट त्यागकर 14 वर्षों तक जंगलों में भटकना स्वीकार किया था। जहाँ राम जी के वनवास जाने के बाद छोटे भाई भरतजी ने बड़े भाई राम के खड़ाऊॅ सत्ता के राजसिंहासन पर रखकर राजपाट चलाया। जहाँ बड़े भाई राम जी के वनवास जाने पर छोटा भाई सब कुछ यहाँ तक कि नव ब्याहता पत्नी तक को छोडक़र बड़े भाई और भाभी की सेवा करने के लिये वन में चल दिये।

इसी भारत में अपने पति के लिये सारे सांसरिक सुखों का त्यागकर राम जी की अर्धागिनी माँ सीता साथ चल दी। पर हाँ इसी देश में महाभारत भी हुयी है जहाँ भाई-भाई को एक गाँव क्या, सूई की नोंक भर भूमि देने को तैयार नहीं हुये। धन और सत्ता की लालसा में पूरे कुल को नष्ट करने का निर्णय लेकर ‘महाभारत’ रच डाली।

शायद कलीम के परिवार ने ‘महाभारत’ का निर्णय ले लिया। इस जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को सजा देने का कार्य तो न्यायालय का है वह गवाह-सबूतों के आधार पर आरोपियों को या तो अपराधी घोषित करेगा या बरी। वह हमारा कार्यक्षेत्र भी नहीं है। हमारा तो उद्देश्य यह था कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति सभी किरदारों के चरित्र की सूक्ष्म विवेचना कर गुण-दोष के आधार पर यह तय करे कि किन-किन गलतियों के कारण इस जघन्य हत्याकांड की परिस्थितियां उत्पन्न हुयी?

यदि प्रत्येक किरदार समझदारी से काम लेता तो क्या इसे रोका जा सकता था? और इससे क्या सीखने और जीवन में किन बातों का ध्यान परिवार के साथ रहने पर रखा जाना चाहिये? संक्षिप्त में मेरे विचारों से प्रत्येक किरदार के नकारात्मक और सकारात्मक बातों पर ले चलता हूँ। एक बात और बताना चाहूँगा गुड्डू कलीम के पिता वजीर खाँ का और उनके परिवार की कोई आपराधिक पृष्ठ भूमि नहीं थी। बेहद सामान्य परिवार के बच्चे परिस्थितिवश अपराधी बन गये।

गुड्डू कलीम

गुण

  • यारों का यार था।
  • गरीबों के प्रति दया रखता था।

दोष

गुड्डू कलीम हत्याकांड
गुड्डू कलीम
  • अशिक्षा।
  • बच्चों को शिक्षित नहीं किया।
  • बेटों और पत्नी को नहीं दिया सम्मान।
  • पत्नी के साथ गुलामों की तरह किया व्यवहार।
  • ताश-पत्ती जुएं की लत।
  • धन की अति लालसा।
  • बेटों को नहीं बनाया स्वावलम्बी।
  • परिवार पर नहीं दिया ध्यान।
  • जीवन प्रबंधन में फेल।
  • अच्छे दोस्तों का ना होना।

नीलोफर

गुण

गुड्डू कलीम’ हत्याकांड nilophar
नीलोफर
  • परिवार की सेवा-सुश्रुषा में श्रेष्ठ।
  • जाहिल पति के साथ भी बिताया लंबा समय।

दोष

  • पति के साथ सामंजस्य बिठाने में असफल।
  • बच्चों की परवरिश ठीक से नहीं कर पायी।

दानिश

गुण

दानिश
दानिश
  • मेहनतकश
  • ईमानदार।
  • स्वाभिमानी
  • सच्चा प्रेमी

दोष

  • अशिक्षित होना
  • पत्नी को नहीं दे पाया हिम्मत
  • अविवेकपूर्ण निर्णय
  • अच्छी संगत का ना होना

आसिफ

गुण

गुड्डू कलीम हत्याकांड की कहानी - 8
आसिफ
  • अज्ञाकारी
  • सहनशील
  • अच्छा पति
  • माँ-भाई से अनुराग

दोष

  • अशिक्षित होना
  • पिता पर पूरी तरह निर्भर रहना
  • खुद के पैरों पर खड़े होने का प्रयास नहीं
  • अन्याय का प्रतिरोध नहीं करना
  • अविवेकपूर्ण निर्णय

नैतिकता की कसौटी पर इन सब गुण-दोषों पर गहन विचार किया जाना चाहिये। कलीम गुड्डू स्वयं शिक्षित होता और दोनों बेटों को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाकर यदि उनके लिये अलग क्षेत्र स्थापित करने का निर्णय लेता तो शायद उसकी यह परिणिति नहीं होती। अकूत धन सम्पदा एकत्रित करने की लालसा ने उसे हैवान बना दिया था।

पाठक मेरे पत्रकारिता धर्म निर्वहन पर भी विचार करें कि क्या मेरा यह लेखन सही है? ताकि भविष्य में आपके मतानुसार दिशा तय कर सकूँ। समाप्त

गुड्डू कलीम हत्याकांड की कहानी – 1 : शैतान स्वयं संतानों के रूप में आकर खड़ा हो गया