उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में डिलीवरी करवाने वाली हितग्राहियों को बर्थ सर्टिफिकेट समय पर नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते उनको जननी सुरक्षा योजना और श्रमिक सेवा प्रसूति सहायक योजना का लाभ समय रहते नहीं मिल पा रहा है। एक हजार से अधिक बर्थ सर्टिफिकेट अभी तक नहीं बन पाए हैं।
बर्थ रजिस्ट्रेशन कार्यालय में हाल ही पदस्थ किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटर ने अभी तक अपना नया पदभार नहीं संभाला है। सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत हो रही है। लेकिन सिविल सर्जन ने अभी तक उनको रिलीव नहीं किया है।
सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल ने 9 फरवरी को आदेश जारी कर जननी सुरक्षा योजना एवं मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही को यथाशीघ्र पात्रता अनुसार भुगतान राशि प्राप्त हो इसके लिए अनमोल पोर्टल अपडेट करने के लिए 9 फरवरी को एक आदेश निकाला था। चरक भवन में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर तरुण साहू को बर्थ रजिस्ट्रेशन का कार्य सौंपा गया था। लेकिन आधा महीने से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन श्री साहू ने अभी तक बर्थ रजिस्ट्रेशन का कार्य नहीं संभाला है। जिसके चलते एक हजार से अधिक बर्थ सर्टिफिकेट पात्र हितग्राहियों के अटके पड़े हैं।
ज्ञातव्य रहे कि बर्थ सर्टिफिकेट प्राप्त होने के बाद ही हितग्राही को जननी सुरक्षा योजना और प्रसूति सहायता योजना का भुगतान हो पाता है लेकिन सिविल सर्जन ने भी इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा।
कलेक्टर के राउंड के बाद भी नहीं सुधरे
हाल ही में कलेक्टर द्वारा चरक अस्पताल से रैफर की गईं प्रसूताओं को लेकर करीब 3 घंटे तक चरक अस्पताल का दौरा किया था। लेकिन इसके बावजूद यह कमी उनके सामने उजागर नहीं हो पाई थी। जबकि यह शासन की अति महत्वपूर्ण योजना में शामिल है। डाटा एंट्री ऑपरेटर साहू की उद्दंडता तो देखो कलेक्टर के दौरे के बाद भी उसने नया पदभार संभालना उचित नहीं समझा और ना ही सिविल सर्जन डॉक्टर पीएन वर्मा द्वारा इस पर संज्ञान लिया गया है।
कार्यालय बंद किया
चरक अस्पताल के नीचे के तल में पूर्व में बर्थ रजिस्ट्रेशन कार्यालय एक कक्ष में संचालित होता था। जिसमें तीन कर्मचारी कार्य करते थे। लेकिन 13 जनवरी 2021 को बर्थ रजिस्ट्रेशन कार्यालय को बंद कर दिया गया और स्टीवर्ड वृद्ध महिला कर्मचारी को यहां से हटा कर ओपीडी में बैठा दिया गया। ऐसे में एक महिला कर्मचारी के भरोसे बर्थ रजिस्ट्रेशन कार्यालय को संचालित किया जा रहा है। इस वृद्ध महिला कर्मचारी द्वारा इस कार्य के अतिरिक्त आरएमओ कार्यालय से संबंधित कार्य, आवक जावक, उपस्थिति रजिस्टर संधारण का कार्य देखा जाता है।
17 फरवरी को शाखा प्रभारी ने चेताया
कलेक्टर के आदेश अनुसार 7 दिवस के भीतर हितग्राही को जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने चाहिएं। लेकिन डाटा एंट्री ऑपरेटर तरुण साहू को आदेशित किए जाने के बावजूद 17 फरवरी तक उसके द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया गया था। जिसके चलते जन्म मृत्यु पंजीयन शाखा प्रभारी द्वारा सिविल सर्जन को इस बारे में पत्र लिखकर सूचित किया गया था। इसमें यह भी बताया गया था कि 700ं के लगभग जन्म प्रमाण पत्र लंबित पड़े हुए हैं। जिसकी प्रतिदिन सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत हो रही है। लेकिन 25 फरवरी तक भी उसके द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया गया।
इनका कहना
मैं मामले को दिखवाता हूं कि किस कारण से ऑपरेटर ने पदभार ग्रहण नहीं किया है।
– डॉ. पीएन वर्मा, सिविल सर्जन