प्रो. गोपाल कृष्ण बोले- नई नीति से नृत्य गीत, नाटक की दे रहे शिक्षा;
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में शुक्रवार को विकसित भारत अभियान 2047 की थीम पर दो दिवसीय युवा उत्सव का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के अतिथि प्रो. गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए नत्य गीत नाटक गायन की शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है।
कार्यपरिषद सदस्य डॉ. वरुण गुप्ता ने कहा कि युवा उत्सव के माध्यम से युवा अपनी सकारात्मक ऊर्जा का प्रदर्शन कर रहे हैं। कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा- प्रत्येक युवा को अपनी ऊर्जा अधिक से अधिक सकारात्मक कार्यों में प्रयोग करते हुए युवा उत्सव में सहभागिता करना चाहिए। कार्यक्रम में मयंक शुक्ला, शिक्षाविद संजय वर्मा, प्रो. डीएम कुमावत ने भी संबोधित किया। प्रारंभ में स्वागत भाषण डीएसडब्ल्यू प्रो. एसके मिश्रा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीति पांडे ने किया तथा आभार कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने माना। इस मौके पर संभाग के सात जिलों से आए कॉलेज के विद्यार्थी और दल प्रबंधक मौजूद रहें।
मंच पर साकार हुई देश की संस्कृति
युवा उत्सव के शुभारंभ के बाद विभिन्न जिलों से आए विद्यार्थियों ने समूह नृत्य में देश की विभिन्न संस्कृति को संगीत और गायन के साथ प्रस्तुत किया। वहीं, एकल नृत्य में परंपरागत नृत्यों की प्रस्तुतियां छात्राओं ने दी। चित्रकला स्पाट पेंटिग की प्रतियोगिता के लिए विषय विश्वविद्यालय की छवि रखा गया है। छात्र-छात्राओं ने अपनी कला के माध्यम से विश्वविद्यालय की छवि को रेखांकित किया। दोपहर के सत्र में मूर्तिकला, प्रश्रमंच, लघु नाटिका, स्वांग, मूक अभिनय, नाटक एकांकी और कोलाज की प्रतियोगिता आयोजित की गई। अन्य प्रतियोगिता शनिवार को सुबह के सत्र में आयोजित होगी। दोपहर तीन बजे से समापन व पुरस्कार वितरण किया जाएगा।
सात जिलों से 400 प्रतिभागी शामिल हुए
डीएसडब्ल्यू प्रो. एसके मिश्र ने बताया कि युवा उत्सव के दौरान 22 विद्याएं होगी। शुक्रवार को सात जिलों से 400 विद्यार्थी व दल प्रबंधक शामिल हुए हैं। शनिवार को समापन पर विश्वविद्यालय स्तर से चयनित विद्यार्थी राज्य स्तर पर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाएंगे। स्पर्धा के दौरान 26 से 29 नवंबर तक आयोजित होने वाले सेंट्रल जोन के लिए विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।