पिछले साल आखिरी 5 माह में महाकाल आए 3.90 करोड़ श्रद्धालु; इस बार 3 करोड़ ही आए
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर का विस्तार हो रहा है। यह 25 हजार वर्गफीट से बढक़र 78 हजार वर्गफीट हो गया है। महाकाल महालोक के पहले चरण में 351.55 करोड़, महाकाल महालोक के लोकार्पण के पहले हुए कामों पर 44.32 और दूसरे चरण पर 755.82 करोड़, इस तरह 1151 करोड़ से महाकाल का आंगन निखरने लगा है।
दैनिक अग्निपथ ने वर्ष 2023 और 2024 के आखिरी पांच माह यानी अगस्त से दिसंबर में आए श्रद्धालुओं की तुलना की। उसके पीछे के कारण भी पता किए। यह सही है कि वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के आखिरी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई है। अब 23 से 31 दिसंबर तक करीब 25 लाख श्रद्धालुओं की संभावना है।
- पिछले साल-1 अगस्त से 31 दिसंबर 2023 तक 3 करोड़ 91 लाख 94 हजार 796 श्रद्धालु मंदिर आए।
- इस साल- 1 अगस्त से 22 दिसंबर 2024 तक 3 करोड़ 09 लाख 49 हजार 193 श्रद्धालु मंदिर आए।
इन कारणों से कम आए श्रद्धालु
- वर्ष 2023 में श्रावण महीने में अधिकमास था। इस वजह से सावन का महीना 59 दिनों का रहा था। 10 सवारियां निकाली गई।
- महाकाल महालोक के पहले चरण के काम पूरे हो गए थे। ऐसे में श्रद्धालु महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ महाकाल महालोक भी देखना चाहते हैं। इस कारण 2023 के आखिरी दिनों में संख्या ज्यादा रही।
- भस्मआरती में बदलाव करते हुए इसे ऑनलाइन, ऑफलाइन के साथ चलित स्वरूप दिया गया। ऐसा केवल 2016 के सिंहस्थ में किया था। ऐसे में केवल श्रावण-भादौ माह की गणना करें तो हर दिन 10 से 15 हजार अतिरिक्त श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए।
आरएफआईडी बैंड से प्रवेश
आरएफआईडी बैंड से प्रवेश यानी भस्मआरती में पारदर्शिता लाने और बिना अनुमति आने वाले लोगों को रोकने के लिए आरएफआईडी बैंड की शुरुआत की गई। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि उसके बाद केवल वे ही भक्त आ रहे हैं, जिन्होंने अनुमति ली है।