महाकाल के आंगन में नववर्ष; शाम तक 5 लाख श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

नंदीहाल और दहलीज पर वीवीआईपी के खड़े होने के कारण दर्शन में व्यवधान

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती से ही नववर्ष के पहले दिन भीड़ का आलम रहा। व्यवस्था इस तरह से बनाकर रखी गई थी कि लोगों को यह समझ ही नहीं आ रहा था कि किस गेट से दर्शन को जाना है। हालांकि शाम तक करीब 5 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे, लेकिन वीआईपी प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं ने आम श्रद्धालुओं को ठीक तरह से भगवान महाकाल के दर्शन नहीं करने दिये।

चारधाम की टनल से होकर महाकाल मंदिर में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा था। हालात यह थी कि बड़े बेरिकेड्स तक में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। बेगमबाग होकर कंट्रोल रूम जाने वाले मार्ग से केवल प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा था। यहां पर भी भारी संख्या में अर्धसैनिक बल और पुलिस के कर्मचारी प्रवेश करने वालों को रोक रहे थे। चारों ओर के रास्ते रोक दिये गये थे।

चार नंबर गेट से होकर बड़ा गणपति मंदिर तक बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया था। महाकाल थाने से होकर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में कई श्रद्धालुगण कहां से प्रवेश मिलेगा पूछते पूछते शिखर दर्शन कर रवाना हो गये। भीड़ का आलम यह रहा कि शाम तक करीब 5 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे।

शीघ्र दर्शन टिकट रहे बंद, केवल प्रोटोकॉल

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी नववर्ष पर 250 रुपये की शीघ्र दर्शन टिकट बंद रखी गई। लिहाजा टिकट लेकर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु या तो लंबा पैदल चलकर टनल से दर्शन कर पाये अथवा उन्होंने प्रोटोकॉल प्राप्त कर भगवान महाकाल के दर्शन किये। हालांकि 31 दिसम्बर को शीघ्र दर्शन टिकट श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने के कारण खोले रखे गए थे। जिसके चलते लोगों को आसानी से दर्शन होते रहे।

नववर्ष पर भस्मारती में रही धूम

नए साल के पहले दिन बुधवार तडक़े सुबह 4 बजे बाबा महाकाल के मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद भगवान महाकाल को जल से स्नान कराकर विशेष पूजा अर्चना की गई। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लग चुका था। जैसे ही बाबा के दर्शन हुए भक्त जय श्री महाकाल के उद्घोष से मंदिर परिसर गूंज उठा।

इसके बाद पंडितों और पुजारियों ने बाबा महाकाल का पंचामृत से अभिषेक कर उनका भव्य श्रृंगार किया। इस अलौकिक श्रंगार को देख भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं शाम को भगवान महाकाल को भांग का श्रंगार, चांदी के बेलपत्र से तिलक, और आभूषण से सजाया गया। इसके बाद बाबा महाकाल को रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला अर्पित की गई।

गर्भगृह की दहलीज पर प्रोटोकॉल श्रद्धालु, नहीं हो पा रहे थे दर्शन

महाकालेश्वर मंदिर में हर बार की तरह इस बार भी प्रोटोकॉल प्राप्त दर्शनार्थियों को दर्शन की सुविधा प्रदान कर दी गई थी। जोकि नंदीहाल सहित गर्भगृह की दहलीज तक पहुंच रहे थे। गेट के सामने खड़े होने के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा हो रही थी। गणेश मंडपम से दर्शन करने वालों को कुछ ही मिनट का समय दर्शन के लिये दिया जा रहा था, लिहाजा कई श्रद्धालु भगवान के पास आकर भी उनके दर्शन नहीं कर पाये।

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