राजस्थान में सियासी संग्राम: कांग्रेस के बाद भाजपा में भी दिखने लगी गुटबाजी, राजे के पक्ष में होने लगी बयानबाजी

vaundhara scindhiya

नई दिल्ली। राजस्थान में करीब दो सप्ताह पहले सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के बीच सत्ता को लेकर शुरू हुआ सियासी संग्राम कम हाने के बजाए हर रोज नया मोड़ ले रहा है। इस लड़ाई में सीएम गहलोत पायलट गुट पर भारी पड़ते जा रहे है। वहीं अब इस बयानबाजी का संक्रमण कांग्रेस से भाजपा में भाजपा में भी पहुंच गया है। बढ़ती बयानबाजी से भाजपा भी खेमों में बटी नजर आ रही है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में कुछ विधायक, पूर्व विधायक खुलकर सामने आए हैं और राजे को अपना नेता बताया है।

भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल के बाद अब छबड़ा से विधायक प्रताप सिंह सिंघवी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में आ गए है। वसुंधरा राजस्थान की नहीं बल्कि देश की बड़ी नेता हैं। प्रदेश में जितनी लोकप्रियता राजे की है उतनी किसी दूसरे की नहीं हैं। उनका कोई विकल्प नहीं है। राजे में वोटों को 15 से 20 फीसदी स्विंग करने की क्षमता है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार उनके नेतृत्व में ही बनी थी।

भाजपा का नेतृत्व वसुंधरा के हाथ में होता तो गिर गई होती गहलोत सरकार

पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली ने वसुंधरा राजे के पक्ष में मोर्चा खोला है। कोली ने कहा कि प्रदेश भाजपा का नेतृत्व अगर वसुंधरा के हाथ में होता तो गहलोत सरकार पिछले साल ही गिर गई होती। अब सरकार गिरने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि पायलट गुट के कई विधायक अब सीएम गहलोत के संपर्क में है। आलाकमान भी पायलट गुट को भाव नहीं दे रहा है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि ऐसी विपरीत स्थितियों में भी भाजपा विपक्ष की भूमिका आक्रामक ढंग से नहीं निभा पाई। सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने से थोड़े ही संघर्ष होता है। मुद्दों के लिए सड़क पर आना पड़ता है।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने मौजूदा सियासी घटनाक्रम और गवर्नेंस को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा- ‘ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा जो विधायकों का बंधक हो, गहलोत विधायकों के बंधक हैं। गहलोत के ज्यादातर विधायक अपने इलाके के सुपर मुख्यमंत्री बने हुए हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है, ट्रांसफर पोस्टिंग में भी विधायकों का भ्रष्टाचार चरम पर है।’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और सचिन पायलट की लड़ाई में राजस्थान की जनता का अहित हो रहा है। आपसी लड़ाई बढऩे का असर सरकार के काम पर पड़ रहा है। सत्ता का विकेंद्रीकरण होना चाहिए, अकेला मुख्यमंत्री ही सब समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। उन्होंने इसके साथ ही कहा बीजेपी व्यक्ति केंद्रित नहीं विचार केंद्रित पार्टी है। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वसुंधरा राजे बड़ी नेता हैं और बड़ा चेहरा हैं।

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