राजोद थाने में तैनात एएसाई ने जनपद सदस्य प्रतिनिधि से मांगे 30 हजार
सरदारपुर, अग्निपथ। विवाद के एक मामले में आरोपी न बनाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में लोकायुक्त पुलिस ने पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को गिरफ्तार किया है। एएसआई ने 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने फरियादी परमानंद दय्या निवासिया लाबरिया की शिकायत पर बुधवार को कार्रवाई करते हुए पुलिस थाना राजोद के एएसआई किशोरसिंह टांक को ग्राम संदला के बस स्टैंड से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त टीआई उमाशंकर यादव ने बताया कि फरियादी परमानंद दय्या निवासी लाबरिया द्वारा लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी कि राजोद थाने पर पदस्थ एएसआई किशोरसिंह टांक रिश्वत मांग रहा है। परमानंद के बड़े भाई का पिछले माह समाज के ही कुछ लोगो से विवाद हुआ था।
फरियादी के बड़े भाई मोहनलाल दय्या एवं अन्य के विरुद्ध राजोद थाने में भादंवि की धारा 294, 323, 504, 34 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। जिसकी विवेचना एएसआई टांक कर रहे हैं। प्रकरण में फरियादी परमानंद का नाम तथा अन्य आरोपियों पर धारा नहीं बढ़ाने के एवज में एएसआई ने 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। बुधवार प्रात: 11:15 बजे ग्राम संदला के बस स्टैंड पर जैसे ही एएसआई टांक ने फरियादी परमानंद से रिश्वत की राशि ली वैसे ही उसे लोकायुक्त टीम द्वारा रंगे हाथ धरधबोचा।
टीम को देख भागने लगा एएसआई
बताया जा रहा है कि रिश्वत लेने के बाद जैसे ही एएसआई को लोकायुक्त टीम ने पकड़ा वैसे ही वह भागने लगा। लेकिन लोकायुक्त टीम ने उस दबोच लिया। लोकायुक्त टीआई उमाशंकर यादव ने बताया कि एएसआई टांक ने मौके से भागने की कोशिश की थी। लोकायुक्त पुलिस ने एएसआई पर भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 एवं धारा 13 के अंतर्गत प्रकरण कायम किया गया।
25 किलोमीटर दूर लाकर लोकायुक्त ने की कार्रवाई
ग्राम संदला में लोकायुक्त टीम ने एएसआई को पकड़ा वैसे ही वहाँ लोगों की भीड़ लग गई। टीम तत्काल एएसआई को लगभग 25 किलोमीटर दूर सरदारपुर लेकर आई। जहां सर्किट हाउस में आगे की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त निरीक्षक सुनील उइके, निरीक्षक राहुल गजभिये, कार्यवाहक निरीक्षक उमाशंकर यादव, आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक आदित्य सिंह भदौरिया, आरक्षक विजय कुमार तथा चालक शेरसिंह ठाकुर का योगदान रहा।
भाजपा नेता है फरियादी
लोकायुक्त में शिकायत करने वाले फरियादी परमानंद दय्या भाजपा नेता है हैं। वे जनपद सदस्य प्रतिनिधि हैं।
सुशासन के दावों की कलई खुली सरकारी दफ्तरों में जहां शासन हर साल कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाता है, वहीं खुलेआम रिश्वतखोरी से सरकारी कर्मचारी बाज नहीं आते हैं। जिला प्रशासन भी कई मामलों में दोषियों पर जांच उपरांत भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करता। प्रशासन विशेषकर जिला पंचायत में भ्रष्टाचार के कई शिकायतें जांच उपरांत कार्रवाई की बांट जोह रहे हैं। कलेक्टर आलोक कुमार सिंह व जिला पंचायत सीईओ आशीष वशिष्ठ को विभाग प्रमुख होने के नाते भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसना चाहिए।
इन मामलों में भी नहीं कार्रवाई
सरदारपुर नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष मनीष बैरागी व पूर्व पार्षद मोहनलाल यादव कई मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायत कर चुके हैं। सरदारपुर जनपद में नेताओं के संरक्षण में पनपे प्रधानमंत्री आवास घोटाले मामले में प्रधानमंत्री तक शिकायत होने के बावजूद दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर पाना जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। वही भ्रष्टाचार के मामलों में ईओडब्ल्यू भोपाल को जांच प्रतिवेदन में देरी सुशासन के दावों की कलई खोल रहा है। दोनों मामले कलेक्टर की टीएल बैठक में शामिल होने के बावजूद शिकायतकर्ता के आरोपों की निष्पक्ष जांच हेतु शिकायतकर्ता के कथन दर्ज नहीं किया जाना जन चर्चा व जांच का विषय बन गया है।