55 दिन में 15 बच्चों को मिलाया परिवार से
धार, अग्निपथ। बालिकाओं के अपहरण के मामलों की गुत्थी सुलझाने में धार कोतवाली, नौगांव व तिरला पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस ने दो महीने में कुल 15 प्रकरणों में बालिकाओं की दस्तायाबी यानी बरामद किया गया है।
यह बालिकाएं देश के अलग-अलग हिस्सों से मिली है। एक बालिका को कर्नाटक के बेंगलूर शहर से धार लाया गया। जबकि कुछ बालिकाएं गुजरात में थी। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने इन्हें ट्रेस किया और फिर परिजनों के सुपुर्द किया। साथ ही बालिकाओं के बयान भी दर्ज हुए है।
प्रेम विवाह के चलते अधिकांश प्रकरण में बालिकाएं लापता थी। जिस वक्त बालिका लापता हुई, तब वे नाबालिग थी। लेकिन जब उन्हें बरामद कर पुलिस लेकर आई तब तक वे बालिग हो चुकी थी। इस कारण पुलिस ने बयान लिए और पति के साथ रहने की इच्छा रखने की युवतियों को वापस जाने दिया।
कोतवाली थाने पर शुक्रवार को सीएसपी देवेंद्रसिंह धुर्वे ने मुस्कान अभियान के तहत सुलझाए गए प्रकरणों की जानकारी मीडिया के सामने रखी। इस दौरान कोतवाली टीआई समीर पाटीदार भी मौजूद थे। सीएसपी धुर्वे ने बताया कि कोतवाली के 10, नौगांव थाने के तीन व तिरला थाने के दो प्रकरणों में बालिकाओं की दस्तयाबी हुई है। पुलिस ने इन्हें गुजरात सहित अलग-अलग राज्य और जिलों से बरामद किया है।
वही ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस समय खाकी लोगों के घर की खुशियां लौटाने के अभियान में लगी है। सबसे दिलचस्प बात यह कि इसमें पुलिस को हर दिन सफलता मिल रही है और किसी न किसी मां के आंसू फिर से खुशियों के आंसू में तब्दील हो रहे हैं। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस को वैसे तो काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन जब घर परिवार वाले दुआएं देते हैं तो पुलिसकर्मियों को अपनी मेहनत का सार्थक परिणाम दिखता है और इस बात का सुकून भी पुलिस की छवि जनता के बीच कुछ अलग सी बनती है। पुलिस इस समय अपने एक खास मिशन ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बच्चों बालक बालिकाओं की तलाश कर उन्हें बरामद करते हुए उनके परिजनों को सौंपा गया।
दो पर बलात्कार का केस
नाबालिगों को बदमाश अन्य प्रदेश भी लेकर चले गए थे। टीआइ समीर पाटीदार ने बताया कि बेंगलूर और गुजरात से भी बालिकाओं को तलाश किया। इन्हें थाने लाया गया। जब ये घर से गई थीं उस दौरान ये बालिग हो गई थी। जिसके चलते बयान के बाद ये अपने पति के साथ चली गई। दो मामलों में पहले अपहरण फिर परीक्षण के बाद बलात्कार का प्रकरण भी दर्ज किया गया।
3 थानों ने किया बेहतर प्रदर्शन
दस्तयाबी अभियान के तहत गुमशुदाओं को तलाशने में धार और नौगांव थाने ने बेहतर प्रदर्शन किया है। तिरला थाने ने भी लड़कियों को तलाश किया गया है। वही कही थाना क्षेत्रों से लंबित इस तरह के मामलों में कार्रवाई पेंडिंग थी अब यहां गुमशुदाओं से संबंधित कोई प्रकरण नहीं है। दस्तयाबी अभियान के दौरान पुलिस द्वारा तलाशी में लापता बालक-बालिकाओं को पुंलिस ने तलाश कर उनके माता-पिता के सुपुर्द किया तो उनके मुरझाए चेहरे फिर खिल उठे।
गुमशुदा बच्चों में अधिकांश नाबालिग
वही इन मामलों में अधिकांश बालिका नाबालिग है क्योंकि अधिकांश मामलों में बच्चों को बेहला फुसलाकर उन्हें ले जाया जाता है वहीं इन मामलों में 15 वर्ष 16 वर्ष 17 वर्ष की आयु की बच्चे इसमें है वहीं पुलिस द्वारा इन दस्तयाब कर इनको इनके परिजनो को सकुशल लौटाया गया में इनको ले जाने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की गई। वही कार्रवाई में धार सीएसपी देवेंद्र धुर्वे, धार कोतवाली टीआई समीर पाटीदार, नौगांव टीआई आनन्द तिवारी, तिरला टीआई रंजीत सिंह बघेल टीम द्वारा कार्रवाई गुम हुए बच्चों को बरामद कर परिजनों को लौटाया गया।
ये मामले भी रहे खास
- धार बस्ती से लापता बालक को पुलिस ने दो दिन में तलाश कर परिजन को सौंपा।
- तिरला थाना अंतर्गत हाल ही में बिना बताए निकली किशोरी को तलाश कर उसके परिजनों को सौंपा।
- लापता हुए 9 वर्षीय बालक को तलाशकर परिजनों को सौंपा गया।
- 15 वर्षीय किशोरी को धार दस दिन में पुलिस ने तलाशा किया।
- नौगांव पुलिस ने लापता हुए 17 वर्षीय बालिका को तलाश कर परिजन से मिलवाया।