हर शहर में निर्माल्य विसर्जन वाहन प्रारंभ करें, ताकि नदी-तालाब-कुए गंदे नहीं हो
उज्जैन अग्निपथ। शिप्रा हमारी मां उसे गंदा मत करो। उसमें निर्माल्य सामग्री मत डालो। दीपदान और पर्व स्नान पर किसी ने भ्रमित किया है। दीपदान घाट पर होता है दीपक को दोने में रखकर नदी में नहीं छोड़ा जाता। उसी तरह पर्व स्नान पर पुराने कपड़े घाट पर छोडऩे से पुण्य नहीं उलटा पाप लगता है। हमारी नदी-तालाब-कुए को साफ रखो। निर्माल्य सामग्री के लिए हर शहर में युवा, जनप्रतिनिधि निर्माल्य वाहन तैयार करे, जो घर-मंदिरों से निर्माल्य सामग्री लेकर उसकी खाद बनाकर खेतों में पहुंचा दे। हम सीहोर में ऐसा करने जा रहे हैं आप भी अपने-अपने शहर में ज रूर करिए।
यह बात पं. प्रदीप मिश्रा ने शिव महपुराण कथा के सातवें दिन सोमवार को व्यास पीठ से कही। इस मौके पर अपार जनसमुदाय शिव महापुराण कथा में उमड़ा। पांडाल अलावा सडक़ पर, खुले में हजारों लोग बैठे थे। बडऩगर रोड पर चल रही शिवमहापुराण कथा में पं. मिश्रा ने कहा आज विराम दिवस में उज्जयिनी की यादें अटल विश्वास के साथ धरोहर के रूप में रहेगी।
उन्होंने पुन: उज्जैनवासियों की तारीफ करते हुए कहाकि तीर्थ की कथा में लोग सहयोग नहीं करते। लेकिन अवंतिका तीर्थ में तो सभी सहयोग करते हैं। आज जा भले ही रह है लेकिन महाकाल राजा आपकी याद बहुत आयेगी। बेटा कभी भूल भी जाये तो आप कभी इस पुत्र को मत भूलना। आप लोग भी जाते वक्त बड़े आनंद के साथ महाकाल से कहकर जाइये, मै सिर्फ आपके ही भरोसे हूं।
शिवलिंग कभी खंडित नहीं होता
पं. मिश्रा ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि हमारे शिवजी पुराने हैं खंडित हो गये हैं। बदलना चाहते हैं। लेकिन यह गलत है। शिवलिंग या कोई भी प्राचीन प्रतिमा खंडित नहीं मानी जाती। किसी कारणवश पूजन की जा रही प्रतिमा खंडित होती है तो उसे सुधारो। अगर दुर्घटना में परिवार के सदस्य का हाथ टूट जाये तो उसे बदला नहीं जाता, बल्कि हाथ दूसरा लगवाते हैं।
शिव महापुराण में धक्के मिलना सौभाग्य की बात
शिवभक्तों को शिव महापुराण के छह दिन भरपूर धकियाने के बाद पं. मिश्री ने सातवें दिन व्यास पीठ से उज्जैन के लोगों के जख्म पर मल्हम लगाने का प्रयास किया। उन्होंने शिव महापुराण का उदाहरण देते हुए कहा कि जो व्यक्ति चार जगह अपमानित होता है, उसे पर भगवान की विशेष कृपा होती है। अपनी माता, अपने पिता, अपने गुरु और शिव महापुराण का पांडाल या मंदिर में अपमानित होने वाले पर भगवान की विशेष कृपा होती है।
पं. मिश्रा ने कहा कि दो मंदिर ऐसे हैं जहां भक्तों को धक्का जरूर मिलता है। एक है भगवान महाकालेश्वर का मंदिर और दूसरा श्रीनाथ जी का मंदिर। इनकी चौखट पर जिसने धक्के खा लिये उसे जीवन में कहीं और धक्के नहीं मिलते।
मुल्लापुरा का नाम होगा मुरलीपुरा-नाम पट्टिका का अनावरण
उज्जैन के वार्ड 12 स्थित मुल्लापुरा का नाम मुरलीपुरा रखा गया हैं, सोमवार को मुरलीपुरा नाम पट्टीका का अनावरण पं. प्रदीप मिश्रा ने किया। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक पारसचन्द्र जैन, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव एवं क्षैत्रिय पार्षद छोटेलाल मण्डलोई एवं संत समाज की उपस्थिति में किया गया।
महापौर ने बताया कि मुल्लापुरा का नाम बदलकर मुरलीपुरा रखने के प्रस्ताव पर नगर निगम सदन में सभी पार्षदो ने सर्वसम्मति से समर्थन किया गया था।
आखिरी दिन भी वीआईपी गेट पर उठापटक
शिव महापुराण के विराम दिन भी वीआईपी गेट पर उठापटक चलती रही। समिति के सदस्य, पुलिस-प्रशासन का परिवार अंदर जाने की जद्दोजहद में उलझता रहा। इन सबके बीच कोई गिरता पड़ता रहा तो कोई पुलिस के हाथों से पिटा भी।