कार्तिकेय मंडपम से आम श्रद्धालुओं ने किया भगवान महाकाल का जलाभिषेक
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार से आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल का जल अभिषेक करने की सुविधा मिलना प्रारंभ हो गई। कोरोना संक्रमण के चलते लगभग 2 वर्ष से आम श्रद्धालु भगवान महाकाल का जल अभिषेक करने से वंचित थे। आखिरकार कोरोना की समाप्ति के काफी दिनों बाद जिला कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश के बाद मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने आम श्रद्धालुओं की जलाभिषेक करने की व्यवस्था सुनिश्चित की।
मंगलवार सुबह 7.30 बजे की दद्योदक आरती के बाद से ही आम श्रद्धालुओं से भगवान महाकाल को जलाभिषेक करने का सिलसिला शुरू करवा दिया गया था। जोकि सुबह 10.30 बजे होने वाली भोग आरती तक चलता रहा।
सहायक प्रशासक प्रतिक द्विवेदी ने आरती होने के पश्चात फिर से गर्भगृह निरीक्षक विनोद चौकसे और सहायक मनोज पाटिल को जलाभिषेक पाइप लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद एक बार फिर भगवान महाकाल को आम श्रद्धालुओं द्वारा जल चढ़ाने का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह शाम 4.30 बजे तक चलता रहा।
आम श्रद्धालुओं का कहना था कि काफी दिनों बाद उनको दूर से ही सही भगवान के जलाभिषेक का मौका मंदिर प्रशासन ने दिया है। जल चढ़ाकर उनके दर्शन पूर्ण हो गए हैं।
सभामंडप स्थित जलद्वार पर कम रही भीड़
सभामंडप स्थित जलद्वार पर भी 100, 250 रुपए टिकट धारियों के लिए जलपात्र की व्यवस्था की गई थी। लेकिन यहां पर कम संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यहां पर भी जलाभिषेक व्यवस्था शुरू कर दी गई है। क्योंकि यहां पर लोटे और जल आदि की व्यवस्था नहीं की गई थी।
कई ने पेयजल समझ ठंडा पानी पी लिया
आम श्रद्धालु जब कार्तिकेय मंडपम के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि यहां पर मंदिर के तीन कर्मचारी जलाभिषेक करने के इच्छुक श्रद्धालुओं को छोटा लोटा और उस में जल भरकर दे रहे थे। ये देखते हुए अधिकांश श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक करने की इच्छा से जल पात्र में जल डालकर भगवान महाकाल का अभिषेक किया।
हालांकि कई श्रद्धालुओं ने यहां पर भरकर रखे गए लोटे में जल देखा तो इसको पी लिया। बाद में उनको बताया गया कि यह पात्र जलाभिषेक के लिए रखे गए हैं। उपर एक बोर्ड भी लगाया गया था।