नए साल में डेढ़ गुना ज्यादा संपत्तिकर बढ़ाने का टारगेट
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम ने वित्तिय वर्ष 2021-22 में संपत्तिकर के रूप में 28 करोड़ 37 लाख रूपए की आय हांसिल की है। इससे पहले के वित्तिय वर्ष में 27 करोड़ 29 लाख रूपए वसूले गए थे।
एक साल में एक करोड़ रूपए ज्यादा संपत्तिकर वसूली के बावजूद नगर निगम को शहर में लोगों से अब भी करीब 79 करोड़ रूपए बकाया रकम वसूलना है। साल 2022-23 में सालाना संपत्तिकर की रकम को भी डेढ़ गुना बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नगर निगम की संपत्तिकर के रूप में फिलहाल सालाना आय 14 करोड़ रूपए है। नए बजट में शहर की 124 कॉलोनियों में संपत्तिकर की एकरूपता का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर गाईड लाइन की दर से नई कॉलोनियों में संपत्तिकर की दर निर्धारित होगी। निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे सालाना संपत्तिकर का आंकड़ा 14 करोड़ रूपए से बढक़र करीब 20 करोड़ रूपए पर पहुंच जाएगा।
पूरा जोर लगाया तब आए 4 करोड़ 76 लाख
नगर निगम ने मार्च महीने में संपत्तिकर वसूलने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। 40 से ज्यादा अधिकारियों को वसूली के लिए तैनात किया गया, हर एक को 5 बकाएदारों से रूपए वसूलने का लक्ष्य दिया गया था।
संपत्तिकर वसूली में सख्ती की शुरूआत 22 दिसंबर से की गई थी। 22 दिसंबर के बाद से मार्च अंत तक 8 करोड़ 54 लाख रूपए राजस्व वसूला गया। अकेले मार्च महीने में ही नगर निगम को बकाया संपत्तिकर के रूप में 4 करोड़ 76 लाख रूपए वसूल किए गए।
जीआईएस सर्वे बढ़ाएगा आय
नगर निगम शहर में संपत्तिकर की वास्तविक गणना के लिए जीआईएस सर्वे करवा रही है। शहर के 10 वार्डो में यह सर्वे पूरा भी हो चुका है। साल के अंत तक सभी 54 वार्डो में सर्वे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। पिछली बार शहर में संपत्तिकर का सर्वे 2009 में किया गया था। 13 साल बाद अब दूसरा सर्वे हो रहा है। जीआईएस सर्वे के जरिए भी नगर निगम को संपत्तिकर की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इनका कहना
संपत्तिकर में पिछले कई सालों का बैकलॉग चल रहा है, 2023 अंत तक इसे पूरी तरह वसूलने का लक्ष्य है। इसके लिए शत प्रतिशत बिलिंग पर ध्यान दे रहे है।
– आदित्य नागर, अपर आयुक्त वित्त ननि उज्जैन