अपनी प्राचीन लिपियों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है-डॉ. शाह

Madhav college karyashala 11 05 22

उज्जैन, अग्निपथ। अपनी प्राचीन लिपियों का संरक्षण हमारी जि़म्मेदारी है। यदि हमने ब्राह्मी लिपि का अध्ययन कर के संरक्षण नहीं किया तो यह लुप्त हो सकती है । आप विद्यार्थियो ने बहुत मन से इसे सीखा है । अब आप इसे अगली पीढ़ी को हस्तांतरित कर सकते हैं। इस प्रकार यह कार्य पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहेगा ।

ये उद्गार शासकीय माधव महाविद्यालय में दिनांक 07 मई से दिनांक 10 मई 2022 तक इतिहास विभाग द्वारा पुरालिपि अध्ययन की त्रिदिवसीय कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ मुकेश शाह , सहायक प्राध्यापक इतिहास ,शासकीय महाविद्यालय कायथा द्वारा विद्यार्थियों के स्मक्ष बहुत रोचक तरीके से व्यक्त किए गए और उन्हें ब्राह्मी लिपि का अक्षर बोध कराया गया। साथ ही ब्रह्मी लिपि की बारहखड़ी भी सिखाई गई।समस्त विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक कार्यशाला में भाग लिया।

कार्यशाला का समापन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे. एल. बरमैया की अध्यक्षता में हुआ। प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में प्राचीन लिपि के अध्ययन की महत्ता पर प्रकाश डाला । छात्रों ने प्राचार्य के समक्ष बोर्ड पर लिख कर अपने सीखे हुए ज्ञान का प्रदर्शन भी किया । इस अवसर पर डॉ शोभा मिश्रा, डॉ नीरज सारवान,प्रोफेसर चंद्रदीप यादव,आयुषी सूर्यवंशी, डॉ.मोहित पांचाल मौजूद थे इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ.अल्पना दुभाषे ने स्वागत भाषण दिया । इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.जीवनबाला लुणावत , डॉ.अंशु भारद्वाज एवं डॉ रफीक अहमद नागोरी मौजूद थे।

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