सभी 10 आरोपियों की न्यायिक हिरासत एक मई तक बड़ी
उज्जैन, अग्निपथ। डीपीएफ गबन कांड में सभी आरोपियोंं को जेल भेजने के बाद पहली पेशी सोमवार को लगी। प्रकरण में सिर्फ उषाराज व उसकी बेटी को कोर्ट लाया गया। न्यायालय ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत १५ दिन के लिए बड़ा दी।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में करीब ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधि के लगभग १५ करोड़ का गबन कांड होने पर ११ मार्च को भैरवगढ़ पुलिस ने केस दर्ज किया था। प्रकरण में पूूर्व जेल अधीक्षक उषाराज,उनकी पुत्री पावली,जगदीश परमार, प्रहरी रिपूदमन,शैलेंद्र सिंह, सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे, हरीश गेहलोद, धमेंद उर्फ रामजाने व शुभम बमोरी आदि को रिमांड के बाद जेलों में भेजा गया था।
मामले में सोमवार को पहली पेशी होने पर उषाराज को इंदौर जिला जेल व पावली को देवास जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। टीआई प्रवीण पाठक ने बताया कि कोर्ट ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत १५ दिन के लिए बड़ा दी है। अब सभी की अगली पेशी १ मई को होगी।
पेशी के बहाने मिलन
बताया जाता है आरोपियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हो सकती थी। बावजूद उषाराज व पावली को लाया गया। वहीं रिपुदमन व शैलेंद्र भी इंदौर जेल और जगदीश महिदपुर उपजेल में बंद है। इनकी पेशी जेल से ही हो गई। इसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे है कि मां-बेटी ने मिलने के लिए पेशी का सहारा लिया।
इनका नहीं मिला सुराग
गबन कांड उजागर हुए एक माह से अधिक समय हो गया। मामले में फरार प्रहरी धर्मेदं्र लोधी, सट्टा खाईवाल सुशील परमार, अंमित मीणा,सुमीत मीणा, सोनू, राहुल मालवीय, अवधेश उर्फ पिंटू तोमर को पुलिस अब तक गिरफ्त में नहीं ले पाई है। जबकि उम्मीद है कि सातों के पकड़ाने से बड़ी रिकवरी हो सकती है।
अब तक इतना मिला
उल्लेखनीय है कि जेल भेजी गई उषाराज के लाकर से पुलिस को करीब तीन करोड़ का सोना,चांदी व जमीनों के दस्तावेज मिले थे। उसकी बेटी पावली से भी करीब 35 लाख के जेवराव व नकदी बरामद हुई थी। शेष आरोपियों से पुलिस साढ़े तीन लाख रुपए व कार, एक्टिवा व प्लाट की रजिस्ट्री बरामद हुई थी।