दोनों ही विधाओं में 5-5 पद रिक्त, मेडिसीन में तो 9 पद रिक्त
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल बेहाल हैं। ऐसे में केवल वही लोग अपना इलाज शासकीय अस्पतालों में करवा रहे हैं। जिनके पास आर्थिक समस्या घर की हुई है। आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो प्रायवेट डॉक्टर्स और अस्पतालों में जाकर अपना और परिवार का इलाज करवा रहे हैं। दैनिक अग्निपथ ने अपने पिछले अंकों में स्वास्थ्य विभाग में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी को लेकर समाचार प्रकाशित किये थे। आज भी रेडियोलॉजिस्ट, एनस्थेटिक और मेडिसीन में खाली पदों को लेकर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करवाया जा रहा है।
सबसे पहले ले लें रेडियोलॉजिस्ट को। जिला, माधवनगर और चरक अस्पताल में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अनिल भार्गव इस महत्वपूर्ण विभाग में पदस्थ हैं। जोकि एमएलसी, सोनाग्राफी विशेषकर प्रसूताओं की और एक्सरे का काम बखूबी निपटा रहे हैं। अवकाश ले लेते हैं तो सोनाग्राफी में वेटिंग बढ़ जाती है। लिहाजा उनको अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहना अनिवार्य रहता है। चरक अस्पताल में आने वाली प्रसूताओं के लिये विशेष तौर पर आना जरूरी रहता है। वैसे तो रेडियोलॉजिस्ट के 5 पद रिक्त हैं, लेकिन अभी तक इन पर किसी की भी पदस्थी नहीं की गई है।
तीन एनस्थेटिक में से 2 कार्यरत
इसी तरह सर्जरी के लिये महत्वपूर्ण एनस्थेटिक (निष्चेतन) विशेषज्ञ के रूप में डॉ. आरपी परमार और डॉ. दिनेश सिसौदिया तीनों शासकीय अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. भगवानसिंह दांगी भी एनस्थेटिक विशेषज्ञ हैं, लेकिन विगत दो माह से अपनी ड्यूटी पर नहीं आये हैं। यह दोनों विशेषज्ञ चरक के सीजेरियन विभाग, अस्थिरोग और सर्जरी विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। जब भी कभी मरीज को सर्जरी के लिये बेहोश करने की आवश्यकता रहती है तो इन दोनों की सेवाएं ली जाती हैं।
मेडिसीन में 9 पद डॉक्टर्स के रिक्त
जिला और माधव नगर अस्पताल में मेडिसीन के 9 डॉक्टर्स के पद रिक्त पड़े हुए हैं। यहां पर केवल दो डॉक्टर्स डॉ. एचपी सोनानिया और संविदा डॉ. मधुसूदन राजावत ऑनकॉल, ओपीडी, वार्ड राउंड के साथ ही इमरजेंसी में कॉल ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आने वाले समय में कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. सोनानिया भी अपनी सेवाएं केवल कोविड अस्पताल में देंगे। ऐसे में केवल एक डॉक्टर डॉ. राजावत के भरोसे ही मेडिसीन विभाग दोनों अस्पतालों में संचालित हो पायेगा।