नागदा, अग्निपथ। 84 लाख जीवयोनी में भम्रण करते-करते मेरी आत्मा थक गई है, मेरी इस आत्मा को शाश्वत सुख चाहिए और आत्मा को शाश्वत सुख प्रदान करने के लिए मैं विरती के संग विवाह करने अर्थात् दुखों के इस माया जाल को त्याग करेगे दीक्षा लेने जा रही हूँ। परिवारजनों […]