पढ़ाई लिखाई के मामलों पर ध्यान देना गवारा नहीं है। इनको अक्षर ज्ञान के नाम सिर्फ कागजी। खानापूर्ति करना ही काम इनका। हर महीने पगार तो बराबर लेते हैं। फिर नाहक माथा पच्ची क्यो करे। ईमानदारी नाम की बाकी नहीं है। सिर्फ आंकड़ो की जादूगीरी काम है इनका। झाबुआ। ये […]