सूर्योदय से सूर्यास्त तक गायत्री महामंत्र के अखंड जप में 51 हजार मंत्रों का जाप किया उज्जैन, अग्निपथ। ‘‘नास्ति गंगा समं तीर्थं न देव:केशवात्पर:। गायत्र्यास्तु परं जाप्यं भूतं न भविष्यति।।’’ गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है केशव से श्रेष्ठ कोई देवता नहीं है। गायत्री महामंत्र जप से श्रेष्ठ कोई […]